Maharishi Bhardwaj Ashram: महर्षि भारद्वाज के आश्रम का कायाकल्प करने के लिए योगी सरकार की सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं. सप्तऋषियों में से एक महर्षि भारद्वाज प्रयागराज के प्रथम निवासी माने जाते हैं. वैमानिक शास्त्र के रचयिता महर्षि भारद्वाज के आश्रम में मौजूद सभी 12 मंदिरों का पुनरुद्धार होने जा रहा है.
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अजीत सिंह/लखनऊ: प्रयागराज के प्रथम निवासी और प्राचीन भारतीय विमान निर्माण कला पर आधारित वैमानिक शास्त्र जैसे महान वैज्ञानिक ग्रंथों के रचयिता एवं सप्तऋषियों में से एक महर्षि भारद्वाज के आश्रम का कायाकल्प किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इस आश्रम का दो चरणों में जल्द ही कायाकल्प किया जाएगा.
प्रयागराज के प्रथम निवासी
प्रयागराज के प्रथम निवासी और प्राचीन भारतीय विमान निर्माण कला पर आधाारित वैमानिक शास्त्र जैसे महान वैज्ञानिक ग्रंथों के रचयिता एवं सप्तऋषियों में से एक महर्षि भारद्वाज के आश्रम का कायाकल्प मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर होने जा रहा है. संगम नगरी में महर्षि भारद्वाज का आश्रम (Maharishi Bhardwaj Ashram) सदियों से भारत की सनातन संस्कृति के प्रवाह को अक्षुण्ण बनाये रखे हुए है. योगी सरकार अब महर्षि भारद्वाज के आश्रम का दो चरणों में पुनरुद्धार करने जा रही है. प्रदेश के ऐतिहासिक धरोहरों का कायाकल्प करते हुए विरासत को सम्मान देने की कड़ी में ये कार्य भी बड़ी लकीर साबित होगा.
जोन 1 एवं जोन 2 में बांटकर होगा कार्य
महर्षि भारद्वाज के आश्रम के पुनरुद्धार के लिए योगी सरकार जोन 1 और जोन 2 में बांटकर कार्य करने जा रही है. इसमें जोन 1 के अंतर्गत सड़क के चौड़ीकरण का कार्य, हिन्दू मंदिर शैली पर आधारित चाहरदीवारी, ऋषि भारद्वाज की कहानी के साथ चाहरदीवारी के मेहराबों में दीवार पर भित्तिचित्र की स्थापना, बाउंड्री वाल की रेलिंग को टेराकोटा से निर्मित किया जाना, फुटपाथ निर्माण, छाया सहित बैठने के लिए बेंच निर्माण, पर्याप्त मात्रा में डस्टबिन, मार्ग प्रकाश के लिए लैंप, दुकानों का नवीनीकरण, शौचालय का नवीनीकरण, मुख्य द्वार का निर्माण, पार्किंग स्थल, रामलीला मैदान चबूतरा का नवीनीकरण, क्यूआर कोड वाले बहुभाषी ऑडियो गाइड का कार्य कराया जाएगा.
हिन्दू वास्तुकला का रखा जाएगा विशेष ध्यान
प्रमुख सचिव एवं महानिदेशक पर्यटन मुकेश मेश्राम के अनुसार भारद्वाज मंदिर परिसर में मौजूद सभी मंदिरों में हिन्दू वास्तुकला का विशेष ध्यान रखा जाएगा. इसके अलावा मुख्य मंदिर पर हिन्दू वास्तुकला पर आधारित अर्धमंडप का निर्माण किया जाएगा. साथ ही हिन्दू वैदिक ज्यामितीय पर फर्श का निर्माण होगा और विमानन शैली पर आधारित पाथवे और लॉन का निर्माण कार्य कराया जाएगा
विरासत के सम्मान का बड़ा उदाहरण
वाराणसी में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम आज देश ही नहीं पूरी दुनिया में विरासत के सम्मान का अनुपम उदाहरण बन चुका है. इसके अलावा मीरजापुर में विंध्य कॉरीडोर निर्माणाधीन है. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है. पूरे ब्रज क्षेत्र में एक बार फिर द्वापर युग के वैभव को लौटाने का प्रयास हो रहा है. कह सकते हैं कि भारत की सनातन परंपरा से जुड़े विरासत स्थलों के गौरव को पुनर्स्थापित करने का कार्य योगी राज में तेजी के साथ हो रहा है. इसी कड़ी में एक और बड़ा कार्य प्रयागराज में महर्षि भारद्वाज के आश्रम के पुनरुद्धार का है, जो आने वाले समय में विरासत के सम्मान का बड़ा उदाहरण साबित होगा.
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