शॉर्टकट में दौलतमंद बनने की हसरत में कुछ युवा अपराधी बन गए. अपराध की दुनिया में कदम रखने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया से ऐसी ट्रेनिंग ली, जो किसी को हैरान कर सकती है.
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पारस गोयल/मेरठ: डिजिटल होते जमाने में अपराधी भी क्राइम के नए-नए तरीके अपना रहे हैं. सोशल मीडिया में बहुत सारी अच्छी बातें होती हैं, लेकिन अपराधियों के लिए यह अपराध सीखने का जरिया है. मेरठ के दो लड़कों ने सोशल मीडिया से तमंचा बनाना ही सीख लिया. इतना ही नहीं जल्द अमीर बनने की चाहत में तमंचा बनाकर ये युवक बदमाशों को सप्लाई भी करने लगे. लेकिन जैसे ही बदमाशों के संपर्क में तभी पुलिस ने इन पर शिकंजा कस दिया. पुलिस ने तमंचा फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है. खुद आईजी रेंज प्रवीण कुमार ने इस मामले में अहम खुलासा किया है.
बताया जा रहा है कि मेरठ के थाना टीपी नगर क्षेत्र में चल रही तमंचा फैक्ट्री का पर्दाफाश किया गया है. इस तमंचा फैक्ट्री में अवैध तमंचा तैयार करने का साजो सामान बरामद किया गया है. पुलिस ने 40 से ज्यादा फैक्ट्री के सामान बरामद किए हैं. इसकी कीमत लाखों में बताई जा रही है. यह बात यह है कि दोनों आरोपी परचून की दुकान चलाते थे. लेकिन जल्द अमीर बनने की चाहत में अपराध की दुनिया में कदम रख बैठे. सोशल मीडिया के अलग-अलग साइटों पर इन्होंने तमंचा बनाने की ट्रेनिंग ली. इसके बाद इन्होंने घर में ही तमंचा फैक्ट्री खोल डाली. लेकिन बदमाशों से संपर्क करने में गलती कर बैठे. जैसे ही इन आरोपियों ने बदमाशों से संपर्क किया तो पुलिस ने शिकंजा कस दिया और तमंचा फैक्ट्री का खुलासा कर दिया. खुद आईजी रेंज प्रवीण कुमार ने इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग की. उनकी माने तो इन लड़कों का अब तक कोई अपराधिक इतिहास नहीं था. पुलिस इन वेबसाइट पर भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है, जो इस तरह की ट्रेनिंग दे रही हैं.
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यह घटना सोशल मीडिया में परोसी जा रही चीजों को लेकर हमें सावधान भी करती है. खास तौर पर अभिभावकों को सतर्क रहना होगा कि आखिर उनके बच्चे सोशल मीडिया में कहीं कोई ऐसी चीज तो नहीं देख रहे हैं, जो उन्हें अपराध की दुनिया में लेकर जाए.