श्रम और रोजगार मंत्री के नाते जवाब देते हुए हरक सिंह रावत को एक बार फिर बीजेपी विधायकों संजीव आर्य और सौरव बहुगुणा ने परेशानी में डाल दिया.
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मनमोहन भट्ट/देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन बीजेपी विधायकों ने ही अपने मंत्री को सदन में घेर लिया. सवालों के सही उत्तर न मिलने के कारण बीजेपी विधायकों ने अनुपूरक सवालों से अपने मंत्री को परेशानी में डाल दिया. सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस बेदम दिखाई दी. एक सवाल के जवाब में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि सरकार कोई आईटीआई बंद नहीं करेगी. इसके अलावा उत्तराखंड सरकार ने प्रदूषण और दूसरे पर्यावरणीय प्रभावों का आंकलन करने के लिए विस्तृत रिसर्च कराने की भी घोषणा की.
आमतौर पर सदन में सत्ता पक्ष को घेरने के लिए विपक्ष के पास सवालों की लिस्ट होती है. लेकिन, प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पीसीसी चीफ प्रीतम सिंह ने लालढांग चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर सवाल पूछा. वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने इस सवाल का जवाब दिया. लेकिन, इसके बाद प्रदूषण और खराब होते पर्यावरण के कारण पक्षियों की कई प्रजातियों के विलुप्त होने के सवाल पर डॉ. हरक सिंह रावत घिर गए. निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार के सवाल के बाद अनुपूरक सवाल और अपनी बात सदन में रखते हुए बीजेपी के विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने वन मंत्री को घेर लिया. मुन्ना सिंह, ने असहमति जताते हुए गिद्ध और कई पक्षियों की प्रजातियों के विलुप्त होने के उदाहरण प्रस्तुत कर मंत्री हरक सिंह को असहज कर दिया.
इसके बाद श्रम और रोजगार मंत्री के नाते जवाब देते हुए हरक सिंह रावत को एक बार फिर बीजेपी विधायकों संजीव आर्य और सौरव बहुगुणा ने परेशानी में डाल दिया. आर्य, श्रमिकों की मजदूरी में बढ़ोत्तरी से सम्बन्धित सवाल का जवाब नहीं मिल पाने के कारण मंत्री से स्पष्ट जवाब मांग रहे थे. शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से कूड़ा कचरा प्रबन्धन से सम्बन्धित कई सवाल पूछे गए.
शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रश्नकाल में वन एवं पर्यावरण के साथ श्रम और सेवायोजन के प्रश्न लगे थे. इसके अलावा शहरी विकास विभाग के सवाल लगे हुए थे. हालांकि, कांग्रेस नेता प्रीतम सिंह ने पीठ के सामने चिंता जताई. प्रीतम सिंह का कहना था कि उनके सवालों को सरकार ने गम्भीरता से नहीं लिया है. इस सत्र में करीब साढ़े आठ सौ सवालों का जवाब सरकार को सदन के भीतर देना है.