देहरादून, मनमोहन भट्ट: उत्तराखंड सरकार ने लोकसभा चुनावों से ठीक पहले किसानों को साधना शुरू कर दिया है. सरकार ने किसानों के लिए एक लाख रुपये तक का कर्ज बिना ब्याज के देने की घोषणा की है. लेकिन जिन लोगों ने पहले से कर्ज लिया हुआ है यह योजना उन पर लागू नहीं होगी. इससे पहले राज्य सरकार ने पिछले साल ही एक लाख रुपये तक का कर्ज दो प्रतिशत ब्याज दर पर मुहैया कराने का आदेश दिया था. इससे राज्य के दो लाख किसानों ने फायदा उठाया. अब राज्य सरकार की कोशिश इसके जरिए पांच लाख किसानों तक पहुंचने की है.


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चुनावी वर्ष में केंद्र के साथ साथ राज्य सरकार ने भी सभी वर्गों को साधना शुरू कर दिया है. अब राज्य सरकार ने किसानों के लिए योजनाएं बनानी शुरू कर दी है. किसानों को नए साल की सौगात देते हुए राज्य सरकार ने एक लाख रुपये तक का कर्ज बिना ब्याज के देने की घोषणा की है. इससे पहले किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र की मदद से कई योजनाएं मंजूर कराई. राज्य सरकार ने ढाई हजार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट खेती के विकास के लिए हासिल किया है. इसके जरिए छोटे-छोटे किसानों को समूह बनाकर खेती करना है. राज्य सरकार ने इसके अलावा 400 करोड रुपये की पारंपरिक कृषि विकास योजना को भी केंद्र से मंजूरी मिल चुकी है. 



कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि पहाड़ में पारंपरिक खेती समाप्त होती जा रही है. जबकि पारंपरिक उत्पादों की मांग शहर में बढ़ रही है. इसलिए इसे फिर प्रोत्साहित करने के लिए पारंपरिक कृषि विकास योजना लागू की गई. केंद्र के साथ मिलकर राज्य के दो लाख किसानों को सीधा इस योजना से जोड़ा जाना है. उत्तराखंड बीजेपी के महामंत्री नरेश बंसल का कहना है कि जब दो प्रतिशत ब्याज पर किसानों को ऋण उपलब्ध कराया तो उसके अच्छे परिणाम देखने को मिले. राज्य के दो लाख किसानों ने इसका सीधा लाभ हासिल किया.



हालांकि विपक्ष इसे सिर्फ चुनावी एजेंडा बता रहा है. लेकिन जिस तरीके से खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने केंद्र की मदद से करीब 3000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट पास कराएं उसके लिए अब उसे किसानों को अपने साथ जोड़ना होगा. अगर किसान के पास अपनी तरफ से लगाने के लिए पूंजी नहीं होगी तो वह किसी भी तरह से योजना का फायदा नहीं उठा पाएगा. शायद यही वजह है कि सरकार ने एक लाख रुपये तक के कर्ज पर ब्याज माफ करने घोषणा की है. अब देखना यह होगा इस घोषणा का कितना फायदा किसानों को और बीजेपी अब कितना फायदा मिल पाता है.