उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा होमस्टे नियमावली में एक महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए बगैर पंजीकरण के संचालित किए जा रहे होमस्टे पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है.
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देहरादून: अगर आप उत्तराखंड में होमस्टे का संचालन कर रहे हैं तो आपके लिए यह खबर बहुत महत्वपूर्ण है. अगर आपने सरकार की बात न मानी तो आप पर जुर्माना भी हो सकता है. ये मामला होमस्टे संचालन के लिए पंजीकरण के नियमों से जुड़ा हुआ है. राज्य में अगर कोई पंजीकरण के बिना होमस्टे चलाते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ जुर्माना हो सकता है. उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा होमस्टे नियमावली में एक महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए बगैर पंजीकरण के संचालित किए जा रहे होमस्टे पर जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है. इस संसोधन के मुताबिक बगैर पंजीकरण के होमस्टे चलाने वालों को पहली बार नियम तोड़ने पर ₹10000 तक जुर्माना भरना पड़ेगा. यदि इस प्रकार का उल्लंघन जारी रहता है तो उल्लंघन करने वाले से ₹500 प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना वसूल किया जाएगा.
उत्तराखंड के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के मुताबिक होमस्टे संचालन की नियमावली में संशोधन का मकसद इस व्यवसाय को अनुशासित कर नियमों के दायरे में लाना है ताकि पर्यटकों को सुरक्षा और संरक्षण मिल सके. उन्होंने कहा कि इस नियम के बन जाने के बाद अवैध रूप से संचालित हो रहे होमस्टे के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा सकेगी. होमस्टे में ठहरने वाले पर्यटकों को भी पंजीकृत किया जा सकेगा जिससे पर्यटन विभाग को उनकी जानकारी भी मिल सकेगी. पर्यटन सचिव ने बताया कि नियमों का पालन न करने की हालत में दोषियों पर पुलिस कार्रवाई भी की जाएगी.
उत्तराखंड सरकार राज्य में होमस्टे योजना को बढ़ावा देने की कोशिशों में जुटी है. राज्य सरकार की इस योजना के तहत साल 2020 तक 5000 होमस्टे के पंजीकृत होने की उम्मीद है. खास बात ये है कि होमस्टे विभाग में अभी ही लगभग 2000 होमस्टे पंजीकृत हो चुके हैं.