सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत ने जिंदगी भर जैसे एक-दूसरे का हाथ थामे रखा. एक आदर्श पत्नी की तरह ही अपने पति की ताकत बनकर पीछे खड़ी रही. जानें कैसा रहा दोनों का साथ.
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देहरादूनः सीडीएस जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) और उनकी पत्नी मधुलिका रावत (Madhulika Rawat) ने जिंदगी भर जैसे एक-दूसरे का हाथ थामे रखा, वैसे ही मौत का दामन भी एक-दूसरे का हाथ थामकर ही ओढ़ा. उनकी शादी 1985 में हुई थी. तब से लेकर आज तक मधुलिका उनका कवच बनकर उनके साथ रहीं. एक आदर्श पत्नी की तरह ही अपने पति की ताकत बनकर पीछे खड़ी रहीं. इसके अलावा उन्होंने जनरल बिपिन रावत का आर्मी के कार्य में भी सहयोग जारी रखा.
आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की प्रेसिडेंट थीं मधुलिका रावत
बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (Army Wives Welfare Association) की प्रेसिडेंट थीं. बता दें कि आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (AWWA) इंडिया के सबसे बड़े स्वैच्छिक संगठनों में से एक है. वह सेना के अधिकारियों- जवानों की पत्नियों, उनके बच्चों और आर्मी डिपेंडेंट फैमिली के कल्याण के लिए काम करती थीं. वह इतने बड़े अधिकारी की पत्नी थीं, लेकिन एक कुशल ग्रहणी की तरह रहती थीं. अपने पति का सहयोग करने के साथ ही वह सोशल वर्क में भी काफी एक्टिव थीं. 1966 में स्थापित आर्मी वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन का काम बड़ी समझदारी से देखती थीं.
पिता भी लेफ्टिनेंट जनरल के पद से हो चुके हैं रिटायर
बिपिन रावत का परिवार कई पीढ़ियों से भारतीय सेना में अपनी सेवा दे रहा है. उनके पिता लक्ष्मण सिंह लेफ्टिनेंट जनरल के पद से रिटायर हो चुके हैं. वहीं उनकी मां पूर्व विधायक किशन सिंह परमार की बेटी हैं. उनके परिवार में पत्नी मधुलिका और 2 बेटियां कृतिका और तारिणी हैं. सीडीएस रावत से पहले उनकी 2 पीढ़ियां सेना में अपनी सेवा दे चुकी हैं. इसके अलावा उनके परिवार व रिश्तेदार भी सेना में रह चुके हैं.
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बिपिन रावत को वीरता के लिए मिल चुके कई अवॉर्ड
आपको बता दें कि उत्तराखंड में जन्मे देश के सीडीएस बिपिन रावत की ससुराल मध्य प्रदेश के शहडोल में है. उनकी पत्नी मधुलिका रावत राजपरिवार की बेटी हैं. मधुलिका स्व. कुंवर मृगेंद्र सिंह की बेटी हैं. मृगेंद्र सिंह रीवा घराने से ताल्लुक रखते हैं. वहीं जनरल बिपिन रावत की बात करें तो उन्होंने देहरादून और शिमला में पढ़ाई पूरी की थी. उसके बाद एनडीए और आईएमए देहरादून से सेना में एंट्री ली थी. वे आईएमए में सर्वश्रेष्ठ स्वार्ड ऑनर से सम्मानित रहे. उन्होंने मेरठ यूनिवर्सिटी से मिलिट्री-मीडिया स्ट्रैटेजिक स्टडीज में पीएचडी भी की थी.
बिपिन रावत ने 1978 में आर्मी की 11वीं गोरखा रायफल की पांचवीं बटालियन से अपने करियर की शुरुआत की थी. बता दें कि बिपिन रावत देश के पहले चीफ आफॅ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) थे. बिपिन रावत अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में युद्ध एवं अन्य गतिविधियों के एक्सपर्ट रहे हैं. उन्हें वीरता के लिए कई बार पुरस्कार भी मिल चुके.
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