joshimath plea in SC : मंडराते खतरे के बीच जोशीमठ जा सकते हैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
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joshimath plea in SC : मंडराते खतरे के बीच जोशीमठ जा सकते हैं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई

joshimath sinking plea in SC :  उत्तराखंड के जोशीमठ को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जोशीमठ के सैकड़ों मकानों में दरारें आईं हैं.

Joshimath Land Sinking Calamity

joshimath Sinking : उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में जमीन धंसकने और मकानों में दरारों का मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंच गया है. जोशीमठ भूस्खलन मामले में जांच को लेकर हाईपावर कमेटी के गठन की मांग वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट के सामने भी रखी गई. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने वकील से कहा कि हमे पता चला है कि इस मसले को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने भी SC में याचिका दाखिल की है. उसका स्टेटस चेक कर कोर्ट को जानकारी दी जाए. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) भी जोशीमठ का दौरा कर सकते हैं. जोशीमठ सेना और आईटीबीपी के लिए रसद भंडार के साथ बड़ा सामरिक केंद्र है. चीनी सीमा के निकट उत्तराखंड के आखिरी गांव माणा तक जाने का ये अहम पड़ाव है.  

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका

जोशीमठ भूस्खलन को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की है. याचिकाकर्ता के वकील ने CJI के सामने मंगलवार को ही मामले को सुनवाई पर लगाने की मांग की. चीफ जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़ ने इनकार किया. उन्होंने कहा कि पहले आप ज़रूरी प्रकिया अपनाइये. आप कल की मेंशनिग लिस्ट में याचिका को शामिल कर कल फिर मेंशन करें.इसके बाद कोर्ट सुनवाई की तारीख तय करेगा.

भूगर्भ मामलों की विशेषज्ञ वाडिया संस्थान के वैज्ञानिकों की टीम जल्द ही जोशीमठ का दौरा करेगी.टीम दरार की गहराई और दरार पड़ने की गति का अध्ययन करेगी. वैज्ञानिकों की एक टीम शहर की वेयरिंग कैपेसिटी के बारे में भी अध्ययन करेगी. वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान (Wadia Institute of Himalayan Geology) के निदेशक ने कहा किसंस्थान के अलग-अलग वैज्ञानिकों की टीम जोशीमठ जाएगी. मकानों में दरार की गति को नापने के लिए रिमोट सेंसर लगाए जाएंगे. वैज्ञानिकों की टीम तकरीबन 1 महीने में पूरी रिपोर्ट तैयार करेगी. 

केंद्र ने प्रोजेक्ट पर मांगी रिपोर्ट

उधर, जोशीमठ के मकानों में दरार को लेकर केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में चल रहे बड़े प्रोजेक्ट को लेकर रिपोर्ट मांगी है. इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में रविवार को इस मुद्दे पर अहम बैठक हुई थी. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर वार्ता की थी. सरकार अधिकारियों से प्रोजेक्ट को लेकर रिपोर्ट ले रही है.एनटीपीसी की तपोवन जल विद्युत परियोजना जैसे बड़े प्रोजेक्ट पर यहां काम चल रहा है.

ये वक्त राजनीति का नहीं : पुष्कर सिंह धामी

जोशीमठ के संदर्भ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार का कहा, इस पूरे मामले में प्रधानमंत्री व्यक्तिगत तौर पर समीक्षा कर रहे हैं. उन्होंने हर संभव मदद का पूरा भरोसा दिया है. अभी 68 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है , 600 से अधिक परिवार हैं जो उस जोन में आ रहे हैं. इस कठिन समय में पूरी सरकार जोशीमठ के लोगों के साथ में है. यह समय अनावश्यक बातों का नहीं बल्कि एक टीम के रूप में मिलकर जोशीमठ के लोगों की जान माल की सुरक्षा करनी है और जोशीमठ को बचाना है. इस पर सभी लोग लगेंगे बाकी राजनीति की चीजें तो बाद में भी हो जाएंगे.

रक्षा मंत्री का दौरा संभव
मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी जोशीमठ के दौरे पर जा सकते हैं. बीजेपी के सांसद तीरथ सिंह रावत बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी जोशीमठ गए हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी फिर से जोशीमठ के दौरे पर जा सकते हैं. जोशीमठ के हालात पर लगातार केंद्र सरकार के नजर बनाए हुए है. केंद्र की टीम भी जोशीमठ के दौरे पर है और वहां के हालात की निगरानी करेगी. अभी जोशीमठ के हालात स्थिर बने हुए हैं. सभी टीमें वहां सर्वे का काम कर रही हैं. जल्द कोई निष्कर्ष निकलेगा. पहाड़ी क्षेत्रों में अनियोजित निर्माण बढ़ते दबाव को लेकर रोक लगाई जा सकती है.

पहाड़ी क्षेत्रों में अनियोजित विकास और निर्माण को लेकर सवाल उठ रहे हैं.पहाड़ी क्षेत्रों में निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ये बयान सामने आया है. पर्यावरण विशेषज्ञों का कहा है कि जोशीमठ कि आपदा हमें भविष्य के लिए सचेत कर रही है. जितने भी हमारे ऐसे शहर हैं पर्वतीय क्षेत्रों में उनकी धारण क्षमता कितनी है.अपने ऊपर कितना भार सहन कर पा रहे हैं कहीं उससे ज्यादा तो नहीं हो गया है.सर्वेक्षण करने के बाद निश्चित तौर पर इस पर रोक लगाएं.

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