श्रमजीवी एक्सप्रेस में बम ब्लास्ट के मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने दोषी दोनों आरोपितों को फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने 5-5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
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अजीत सिंह/जौनपुर : श्रमजीवी एक्सप्रेस में बम ब्लास्ट के मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. यूपी की जौनपुर कोर्ट ने दो आतंकियों को फांसी की सुनाई सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने 5-5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में कोर्ट दो आतंकियों को पहले ही मौत की सजा सुना चुकी है.
कब हुआ था बम ब्लास्ट
बता दें कि 28 जुलाई 2005 को सिंगरामऊ रेलवे स्टेशन के हरिहरपुर रेलवे क्रासिंग के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस की जनरल बोगी में बम ब्लास्ट हो गया था. इसमें 14 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 62 से अधिक यात्री घायल हो गए थे.
जौनपुर जिला कोर्ट में हुई पेशी
बुधवार को जौनपुर के जिला एवं सत्र न्यायालय में बांग्लादेशी आतंकी हिमालुद्दीन उर्फ हेलाल और पश्चिम बंगाल के नफीकुल विश्वास को पेश किया गया. कोर्ट ने दोनों आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई. साथ ही 5-5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. इससे एक दिन पहले कोर्ट ने दोनों को दोषी ठहराया था.
दो को पहले ही सुनाई जा चुकी है फांसी की सजा
बता दें कि इससे पहले जौनपुर कोर्ट ने दो आरोपितों को फांसी की सजा सुना चुकी है. एक आरोपी पर बम बनाने और दूसरे आरोपी पर बम रखने का आरोप था. इसमें मामले में जौनपुर की अदालत में कुल 43 गवाल भी पेश किए गए. 22 दिसंबर को जौनपुर की कोर्ट ने दोनों आतंकियों को दोषी करार दिया था. बुधवार को दोनों को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई.
श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 12391 पटना से दिल्ली जा रही थी. ट्रेन के गार्ड जफर अली की तहरीर पर जीआरपी थाने में केस दर्ज हुआ था. आतंकियों ने ट्रेन की जनरल बोगी में अटैची में बम रखा था. दिल्ली की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किए गए आतंकियों के अनुसार, इस बम ब्लास्ट की साजिश जुलाई 2005 में रची गयी थी.