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कानपुर: कानपुर मुठभेड़ मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस जवानों पर हमले के दौरान बिजली काटने का मामला सामने आया है. सूत्रों की मानें तो विकास दुबे के गुर्गों ने फोन करके बिजली कटवाई थी. लाइनमैन और जेई की भूमिका को संदिग्ध पाते हुए उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. शिवली विद्युत केंद्र से बिजली कटवाई गई थी.
कानपुर शूटआउट केस का मुख्य अभियुक्त विकास दुबे अभी भी फरार चल रहा है. यूपी पुलिस की टीमें पूरे प्रदेश में उसे और उसके गुर्गों की तलाश में दबिश दे रही हैं. यूपी एसटीएफ भी विकास दुबे को पकड़ने के लिए संभावित स्थानों पर लगातार छापेमारी कर रही है.
विकास दुबे के सरेंडर की चर्चाओं के बीच छावनी में तब्दील हुआ उन्नाव कोर्ट, जानिए फिर क्या हुआ?
इस बीच शनिवार शाम पुलिस को इनपुट मिला कि विकास दुबे उन्नाव कोर्ट में सरेंडर कर सकता है. इसके बाद पुलिस ने पूरे कोर्ट परिसर को छानवी में तब्दील कर दिया. एसओजी और सर्विलांस टीमें अलर्ट हो गईं. हालांकि, उन्नाव कोर्ट शनिवार को अपने नियत समय पर बंद हो गया और विकास दुबे ने सरेंडर नहीं किया.
घटना से अंजान बने विकास के पिता
वहीं, विकास के पिता राम कुमार दुबे के मुताबिक घटना वाली रात वो दवा खाकर अचेत अवस्था में पड़े थे. साथ ही उन्होंने ने कहा कि उनकी सेवा में नियुक्त कर्मचारी को भी पुलिस अपराधी बनाकर अपने साथ ले गई है. घटना वाली रात विकास के घर पर मौजूद होने की बात की जानकारी से अनजान बनते हुए उनका कहना था कि उस रात उनकी तबीयत खराब थी, जिससे वो दवा खाकर अचेत अवस्था में पड़े थे. विकास के पिता का कहना है कि अगर उसने यह अपराध किया है तो शासन द्वारा निर्धारित सजा उसे दी जाए.
कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गांव बिकरू में 2 जुलाई की देर रात विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस टीम पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी. इस घटना में आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. दरअसल, पुलिस टीम विकास दुबे को एक हत्या के आरोप में गिरफ्तार करने पहुंची थी.