जांच आयोग के पुनर्गठन की मांग पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए SC ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज शशिकांत अग्रवाल को भी आयोग से हटाने पर असहमति जताई.
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दिल्ली: गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर की जांच को लेकर गठित कमीशन से पूर्व DGP केएल गुप्ता और पूर्व हाईकोर्ट के जज शशिकांत अग्रवाल को बदलने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. जांच आयोग के पुनर्गठन की मांग पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए SC ने हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज शशिकांत अग्रवाल को आयोग से हटाने पर असहमति जताई.
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वहीं, विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद केएल गुप्ता के मीडिया में पुलिस को क्लीन चिट देने वाले बयान पर भी कोर्ट ने यूपी सरकार से सफाई मांगी, जिस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने खुद केएल गुप्ता का बयान पढ़ कर सुनाया. जिसके बाद CJI ने याचिकाकर्ता से कहा कि हम इस तरह से जांच आयोग के सदस्य नहीं बदल सकते हैं. केल गुप्ता ने मीडिया में संतुलित बयान दिया था. उन्होंने ये भी कहा था कि अगर पुलिस अधिकारी दोषी पाए जाएंगे तो उन्हें भी सजा मिलनी चाहिए.
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साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आयोग में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएस चौहान भी हैं, एक पूर्व हाईकोर्ट जज भी हैं. पूर्व DGP की विश्वसनीयता पर संदेह की कोई वजह नहीं है. याचिकाकर्ता को इस तरह उनके ऊपर पूर्वाग्रह का आरोप नहीं लगाना चाहिए.
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