योगी सरकार के मंत्री ने साधा प्रियंका गांधी पर निशाना, कहा- UP की जमीनी हकीकत से दूर हैं
Advertisement

योगी सरकार के मंत्री ने साधा प्रियंका गांधी पर निशाना, कहा- UP की जमीनी हकीकत से दूर हैं

मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि प्रियंका गांधी को क्या जवाब दूं, उनको बस एक ट्वीट कर चलते बनना है.

मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि कल्याण सिंह के जमाने मे शिक्षक आधा घंटा पहले स्कूल पहुंच जाया करते थे.

अंबिकेश्वर प्रसाद/गोंडा: योगी सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने यूपी कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा पर तीखा हमला किया. मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि दिल्ली में रहने वाली प्रियंका गांधी कभी-कभार पर्यटन करने यूपी आती हैं. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश की जमीनी हकीकत को नही जानती हैं. उन्होंने कहा कि 86 लाख किसानों का 33.5 हजार करोड़ रुपये ऋण बिना कर बढ़ाये योगी सरकार माफ कर चुकी है. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी को क्या जवाब दूं, उनको बस एक ट्वीट कर चलते बनना है. बता दें कि सतीश द्विवेदी मेहनौन विधायक के परिजनों की सड़क हादसे में हुई मौत पर संवेदना व्यक्त करने गोंडा पहुंचे थे.

मंत्री सतीश द्विवेदी ने पूर्ववर्ती सपा-बसपा सरकारों और प्रेरणा ऐप का विरोध कर रहे शिक्षकों पर निशाना साधा. सतीश द्विवेदी ने कहा कि सपा-बसपा जो कारनामा करती थी, वही कारनामा बेसिक शिक्षा विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों ने मिलकर किया. उन्होंने कहा कि एक ही अंकपत्र में हेरफेर करके, एक ही नाम का इस्तेमाल करके तमाम फर्जी शिक्षक घुस आए हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे शिक्षकों का सफाया बहुत जल्द होगा. इसके साथ ही बेसिक शिक्षा मंत्री ने विरोध कर रहे शिक्षकों से कहा कि बीते 30 साल की कार्यसंस्कृति और व्यवस्था के प्रति अज्ञानता के चलते शिक्षक प्रेरणा ऐप का विरोध कर रहे हैं.

मंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि कल्याण सिंह के जमाने मे शिक्षक आधा घंटा पहले स्कूल पहुंच जाया करते थे. पिछले कई सालों से ऐसा नही हो रहा है. शिक्षकों की मॉनिटरिंग की कोई व्यवस्था न होने के चलते शिक्षक 'कभी भी आएं, कभी भी जाएं या स्कूल ही न आएं' ऐसा करते थे. नियमित स्कूल आने-जाने की व्यवस्था की निगरानी के लिए प्रेरणा ऐप को लॉन्च किया गया है. उन्होंने कहा कि स्कूल में चाहे जितनी बेहतर ढांचागत व्यवस्था क्यों न दे दी जाए. अगर शिक्षक ही समय पर न आएं तो सारी व्यवस्थाओं का कोई अर्थ नही रह जाता है. प्रेरणा ऐप के प्रति कुछ लोगों को भ्रांतिया हैं कि यह ऐप सिर्फ शिक्षकों के अटेंडेंस के लिए है.

उन्होंने कहा कि यह ऐप मिड डे मील, स्कूल भवन, हैंडपंप जैसी तमाम व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए बनाया गया है. उन्होंने कहा कि 1 लाख 59 हजार स्कूल हैं. 1 करोड़ 80 लाख बच्चे हैं. 6 लाख से अधिक शिक्षक हैं. इन सभी की मॉनिटरिंग हो सके, कहां पर क्या कमी है और क्या जरूरत. इसके लिए प्रेरणा ऐप जरूरी था. जल्द ही सभी स्कूलों में टैबलेट दिए जाएंगे, जिसके बाद इसकी खासियत जानने के बाद इसका विरोध बंद हो जाएगा.

Trending news