Nishad Party: बीजेपी ने यूपी उपचुनावों में अपनी सहयोगी निषाद पार्टी को भी मना लिया है. दरअसल यूपी के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के नेतृत्‍व वाली इस पार्टी ने 9 सीटों पर हो रहे उपचुनावों में मझवां और कटेहरी सीट पर अपनी दावेदारी ठोकी थी. अपनी दावेदारी के लिए संजय निषाद ने दिल्‍ली में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्‍व से संपर्क साधा था. तीन दिन तक दिल्‍ली में भी डेरा जमाए रहे लेकिन उनको सफलता नहीं मिली. बीजेपी ने आठ सीटों पर अपने प्रत्‍याशी उतार दिए और एक सीट रालोद को दे दी. माना जा रहा था कि बीजेपी के इस कदम से निषाद पार्टी नाराज हो जाएगी. ये भी कहा गया कि अगर उन्हें भाजपा दो सीट नहीं देती है तो वह एनडीए से किनारा कर सकते हैं. लेकिन इसका उलटा हुआ. संजय निषाद ने यूपी के डिप्‍टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ प्रेस कांफ्रेंस करके मनमुटाव की बात को खारिज करके बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया. 


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बीजेपी का वादा!
कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी ने उनको कैसे मनाया? दरअसल मीडिया हलकों में अंदरखाने से ये बात आ रही है कि बीजेपी ने भविष्‍य में एक विधान परिषद सीट निषाद पार्टी को देने का वादा किया है. इसलिए ही निषाद पार्टी ने अपनी दबाव की रणनीति छोड़कर बीजेपी को समर्थन देने की घोषणा की है. 


Analysis: यूपी में BJP ने लोकसभा चुनाव से सीखा सबक, उपचुनावों में दिखी झलक


2022 का नतीजा
निषाद पार्टी ने दो सीटों - मिर्जापुर में मझवां और आंबेडकरनगर में कटेहरी पर दावा किया था. ये वे सीटें थीं, जिन पर निषाद पार्टी ने 2022 के उप्र चुनावों में भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था और मझवां में जीत हासिल की थी, जबकि कटेहरी में वह हार गई थी.


निषाद पार्टी के मैदान में न होने से मझवां में भाजपा की सुचिस्मिता मौर्य (ओबीसी) का मुकाबला समाजवादी पार्टी के डॉ. ज्योति बिंद और बसपा के दीपक तिवारी से होगा, जबकि कटेहरी में भाजपा के धर्मराज निषाद, शोभावती वर्मा (सपा) और अमित वर्मा (सभी ओबीसी) के बीच मुकाबला होगा.


संजय निषाद ने अब क्‍या कहा
संजय निषाद ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि निषाद पार्टी के सभी कार्यकर्ता एनडीए के प्रत्याशियों का समर्थन करेंगे. एनडीए के प्रत्याशी सभी 9 सीट पर जीत हासिल करेंगे और हम लोग भाजपा के साथ एनडीए के साथ हैं. अच्छा है कि विपक्ष ट्वीट कर रहा है. दिल्ली में हुई बैठक पर उन्होंने कहा, मैं दिल्ली गया था. बैठक में आरक्षण को लेकर बातचीत हुई है क्योंकि, सपा कांग्रेस ने निषाद समाज का आरक्षण लटका कर रखा था. उत्तर प्रदेश में हमें ओबीसी में डालकर पिछली सरकारों ने हमारे साथ अन्याय किया. शीर्ष नेतृत्व ने हमें भरोसा दिया है कि इस पर विचार किया जाएगा. दीपावली के बाद हम लोग फिर से बैठेंगे.


उपचुनाव में सीट नहीं मिलने पर उन्होंने कहा कि मेरी एक विचारधारा रही है कि मुझे जीत चाहिए. मुझे सीट नहीं जीत चाहिए. जीत के सहारे ही हम समाज को कुछ दे सकते हैं. साल 2017 में मैंने चुनाव लड़ा. सपा, बसपा और कांग्रेस को यहां से बाहर का रास्ता दिखाया गया. 2022 में ऐतिहासिक जीत हुई. इस उपचुनाव में भी हमें जीत चाहिए.