मेरे हाथ में श्रीदेवी का Death Certificate है.. और इसमें एक शब्द लिखा हुआ है ... Accidental Drowning.और इस शब्द में ही श्रीदेवी की मौत से जुड़े संकेत छिपे हैं. कल तक जो एक दुख भरी ख़बर थी, आज वो एक रहस्यमय ख़बर बन गई है. और आज श्रीदेवी की मौत के 46 घंटे के बाद उनके सभी Fans ये जानना चाहते हैं कि उनकी मौत का रहस्य क्या है? इसलिए आज हम इस विश्लेषण को दो भागों में बांटेंगे. पहले भाग में हम ये बताएंगे कि श्रीदेवी की मौत कैसे हुई?.. और दुबई से उनके पार्थिव शरीर को भारत लाने में इतनी देर क्यों हो रही है? और दूसरे भाग में हम एक सुपरस्टार और मौत के रिश्ते का DNA टेस्ट करेंगे. 


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सबसे पहले आपको श्रीदेवी की मौत से जुड़ा Latest अपडेट दे देते हैं. इस वक्त का सबसे पहला और बड़ा अपडेट ये है कि श्रीदेवी की मौत में किसी भी तरह की आपराधिक साज़िश की आशंका नहीं है. बहुत से लोग इस मौत को रहस्यमय बनाकर पेश कर रहे हैं.. लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है.


हम आपको बता देना चाहते हैं अगले दो घंटे में श्रीदेवी का पार्थिव शरीर, उनके परिवार को सौंप दिया जाएगा. इससे पहले आज दुबई में श्रीदेवी के शव का पोस्टमॉर्टम हुआ. जिसमें ये पता चला कि श्रीदेवी की मौत बाथटब में डूबने की वजह से हुई . 


दुबई के कुछ Local Media Houses ने ये ख़बर भी दी है कि उनके शरीर में शराब के अंश पाए गए. श्रीदेवी के Death Certificate में मौत की वजह है Accidental Drowning यानी गलती से डूबना. 


पहले ये कहा जा रहा था कि श्रीदेवी की मौत Cardiac Arrest से हुई है. लेकिन Death Certificate में इसका कहीं भी ज़िक्र नहीं किया गया है. 
पूरा देश ये जानना चाहता है कि श्रीदेवी का पार्थिव शरीर दुबई से भारत लाने में देरी क्यों हो रही है? 


हम आपको इसकी वजह विस्तार से बताएंगे.


दुबई की जांच एजेंसियां किसी भी तरह का शक नहीं रखना चाहती हैं. इसलिए वो हर एक पहलू की बहुत ही बारीक़ी से जांच कर रही हैं. स्थानीय मीडिया के मुताबिक दुबई पुलिस ने श्रीदेवी की Forensic Report उनके परिवार और Indian Consulate के प्रतिनिधियों को सौंप दी है. 


इसके बाद दुबई पुलिस ने श्रीदेवी की मौत का केस Dubai Public Prosecution को सौंप दिया. इस तरह होने वाली मौत के मामलों में Post-mortem और Forensic Examination की Reports को Public Prosecution विभाग को दिया जाता है. 


इसके बाद Prosecutors घटना से जुड़े सभी ज़रूरी दस्तावेज़ों की दोबारा से जांच करते हैं. अगर इन जांचकर्ताओं को किसी भी तरह का कोई शक होगा, वो दोबारा विस्तार से जांच करेंगे और इसके बाद ही मरने वाले के पार्थिव शरीर को परिवार के सुपुर्द किया जाता है और इन्हीं सारी प्रक्रियाओं की वजह से दुबई में देरी हो रही है. 


श्रीदेवी के निधन के बाद दो सवाल ऐसे हैं, जिनका जवाब हर कोई जानना चाहता है. पहला सवाल ये है कि Accidental Drowning क्या होती है? और दूसरा सवाल ये है कि श्रीदेवी जब बाथटब में गिरी होंगी, तो उन्होंने बचने की कोशिश क्यों नहीं की? 


हमने आज बहुत से Experts से बात की और इन दोनों सवालों का जवाब जानने की कोशिश की.  Drowning का मतलब होता है, डूबना. और Accidental Drowning का मतलब हुआ गलती से डूबना. 


Experts के मुताबिक Death Certificate में Accidental Drowning शब्द के लिखे जाने का मतलब ये है कि पुलिस को किसी बाहरी व्यक्ति पर शक नहीं है.  हालांकि जानकारों के मुताबिक भारत में इस तरह के Terms का इस्तेमाल नहीं होता है. क्योंकि Drowning Accidental है या Intentional है, ये सब Investigation का हिस्सा होता है. 


अब दूसरा सवाल ये है कि जब श्रीदेवी बाथटब में डूब रही थीं, तो उन्होंने खुद को बचाने की कोशिश क्यों नहीं की? आम तौर पर अगर कोई सामान्य आदमी नशे में होने के बाद होश में है और पानी में डूबता है, तो वो बचने की कोशिश करेगा. लेकिन अगर इंसान नशे में होने की वजह से बेहोश है, तो वो बेहोश ही रहेगा और बचने की कोशिश नहीं करेगा. ऐसी सूरत में अगर कोई इंसान पानी में डूबता है, तो उसकी मौत निश्चित है. और शायद श्रीदेवी के साथ भी यही हुआ होगा. वो बेहोश हो गई होंगी और इसीलिए उन्होंने बचने की कोशिश नहीं की.


अब आपको बहुत संक्षेप में पिछले 46 घंटों का घटनाक्रम समझा देते हैं. इससे आपको ये पूरी घटना समझ में आ जाएगी. 


श्रीदेवी अपने पति बोनी कपूर और बेटी खुशी के साथ दुबई गई हुई थीं. 


श्रीदेवी की बड़ी बेटी जाह्नवी दुबई नहीं गईं थीं. क्योंकि वो अपनी फिल्म की शूटिंग में व्यस्त थीं. 


दुबई में बोनी कपूर के भांजे मोहित मारवाह की शादी थी. 


ये शादी 20 फरवरी को थी. शादी के बाद बोनी कपूर और उनकी बेटी खुशी मुंबई वापस लौट आए थे. 


लेकिन श्रीदेवी दुबई में ही थीं. वो दुबई के Jumeirah Emirates Towers Hotel में रुकी हुईं थीं. 


दुबई के अख़बार खलीज टाइम्स के मुताबिक श्रीदेवी को Surprise देने के लिए बोनी कपूर शनिवार यानी 24 फरवरी को दुबई पहुंचे. 


दुबई के समय के मुताबिक शाम को करीब साढ़े पांच बजे बोनी कपूर श्रीदेवी के कमरे में गए. और उन्हें Dinner के लिए Invite किया. 


उस वक्त श्रीदेवी सो रही थीं. बोनी कपूर ने उन्हें उठाया. बोनी कपूर से 15 मिनट तक बात करने के बाद श्रीदेवी Washroom में गईं. 


करीब 15 मिनट तक जब श्रीदेवी Washroom से बाहर नहीं आईं, तो बोनी कपूर ने दरवाज़ा खटखटाया. लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला, तो बोनी कपूर ने किसी तरह दरवाज़ा खोला. और उनके सामने श्रीदेवी पानी से भरे बाथ टब में बेसुध पड़ी हुई थीं. 


खलीज टाइम्स के मुताबिक बोनी कपूर ने श्रीदेवी को उठाने की कोशिश की. जब वो नहीं उठीं तो उन्होंने एक दोस्त को फोन किया. और इसके बाद पुलिस को रात में करीब 9 बजे सूचना दी गई. 


इसके बाद पुलिस और Paramedics घटनास्थल पर पहुंचे और श्रीदेवी को दुबई के Rashid Hospital ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. 


एक बार फिर आपको बता दें कि श्रीदेवी की मौत में किसी भी तरह की आपराधिक साज़िश की आशंका नहीं है. बहुत से लोग इस मौत को रहस्यमय बनाकर पेश कर रहे हैं.. लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है. और अब आपको ज़ी परिवार के साथ श्रीदेवी की आखिरी तस्वीर दिखाते हैं. 


और अब इस विश्लेषण का दूसरा भाग. इसमें हम एक सुपरस्टार और मौत के रिश्ते का विश्लेषण करेंगे. क्योंकि ज़िंदगी तो स्टारडम से प्रभावित हो जाती है, लेकिन मौत पर स्टारडम का कोई असर नहीं पड़ता. 


श्रीदेवी ने कभी ये सोचा नहीं होगा कि उनकी मौत के बाद इतने सवाल उठेंगे. आज उनकी आत्मा को बहुत कष्ट पहुंच रहा होगा. देश का मीडिया तरह तरह की थ्योरीज़ पेश कर रहा है.


मृत्यु जीवन का अंतिम सत्य है लेकिन इस सत्य को सुनने की हिम्मत बहुत कम लोगो में होती है. मृत्यु की ख़बर सुनने के बाद अक़्सर दुख और हैरानी का एहसास होता है. श्रीदेवी के निधन की ख़बर सुनने के बाद उनके चाहने वालों को भी... ऐसा ही अहसास हुआ... ज़्यादातर लोगों को इस बात पर भरोसा नहीं हुआ कि श्रीदेवी मर चुकी हैं. श्रीदेवी के निधन ने लाखों लोगों की एक कमज़ोर नस पर हाथ रख दिया है.


आमतौर पर हमारे समाज में मृत्यु के बारे में बात नहीं की जाती क्योंकि लोगों को लगता है कि मृत्यु की बात करना अशुभ है.... क्योंकि मृत्यु दुख, तनाव और भय का वातावरण पैदा करती है. जन्म को हमेशा शुभ माना जाता है.. जबकि मृत्यु को हमेशा अशुभ माना जाता है. हमारा समाज मृत्यु से जुड़ी बातों पर चर्चा करने के बजाए इनसे बचना पसंद करता है लेकिन इस सत्य से बचा नहीं जा सकता क्योंकि जीवन के एक मोड़ पर मृत्यु से मुलाक़ात होना तय है. मत्यु का दूसरा पक्ष ये भी है कि ये सबको बराबरी पर लाकर खड़ा कर देती है. चाहे कोई आम आदमी हो, नेता हो या अभिनेता. 


मृत्यु भेदभाव नहीं करती, जबकि जन्म हमेशा भेदभाव करता है.. अन्याय करता है... आपने गौर किया होगा कि जन्म होते ही इंसान की पहचान और उसका जीवन.. धर्म, जाति, देश और अमीरी या ग़रीबी के आधार पर बंट जाता है. जन्म लेते ही ये तय हो जाता है कि कोई किस जाति या धर्म से होगा. जबकि मृत्यु के मामले में कुछ भी तय नहीं है. मृत्यु की रेखा के पार... हर व्यक्ति बराबर है. मृत्यु बंटवारा नहीं करती वो राजा और रंक को बराबरी पर लाकर खड़ा कर देती है. ये वो आध्यात्मिक सत्य है जो हर इंसान को याद रखना चाहिए. जीवन भले ही धर्म और पंथ निरपेक्ष ना हो.. लेकिन मृत्यु धर्मनिरपेक्ष और पंथ निरपेक्ष है...मृत्यु के दरबार में हर कोई बराबर है.


मृत्यु के बाद उसके व्यक्तित्व के मायने नहीं रहते… सिर्फ उसका काम ज़िंदा रहता है. और वो भी तब जब वो काम Universal हो.. यानी वो काम देश, काल और स्थिति से परे हो और बार बार, हर किसी के अंतर्मन को छूता रहे. श्रीदेवी जैसी अभिनेत्री, समय के इस महासागर में इतनी जल्दी विलीन नहीं होंगे,उनकी फिल्में समय के इस महासागर में किसी नाव की तरह तैरती रहेंगी. उनके अभिनय पर आज से पचास साल बाद भी तालियां और सीटियां बजती रहेंगी.


जब किसी बड़ी शख्सियत की मौत होती है,.. तो हमारा मीडिया गिद्ध जैसा बन जाता है. जैसे एक गिद्ध, हमेशा मांस के टुकड़े की तलाश में रहता है.. उसी तरह मीडिया भी किसी की मौत से लाभ उठाने की कोशिश करता है. फिर चाहे उसकी प्रस्तुति, स्तर से गिरी हुई ही क्यों ना हो. श्रीदेवी की आत्मा, आज ये सब देखकर बहुत दुखी हो रही होगी.
आज हमने ये कोशिश की है कि श्रीदेवी की ज़िंदगी की यात्रा को गरिमापूर्ण तरीके से आपके सामने रखा जाए