एक कहावत है कि हर काम के पीछे कोई ना कोई मकसद ज़रूर होता है . बिना मकसद के कभी कोई काम शुरू भी नहीं होता . और अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में तो बिलकुल भी नहीं . हम बात कर रहे हैं करतारपुर साहिब Corridor की... जिससे भारत और दुनियाभर में मौजूद सिख समुदाय के करोड़ों लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं . पाकिस्तान की इस Corridor वाली कूटनीति के पीछे भी उसका स्वार्थ है, जिसका आज हम DNA टेस्ट करेंगे .भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर साहिब Corridor खुल जाने के बाद, भारत के श्रद्धालु बिना किसी औपचारिक रुकावट के बहुत आसानी से पाकिस्तान की सीमा में जाएंगे और करतारपुर साहिब के दर्शन कर पाएंगे.


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दोनों ही देशों में इस Corridor पर काम चल रहा है . लेकिन सबसे पहले हम आपको ये बताते हैं Corridor पर आई सबसे नई खबर क्या है ? भारत और पाकिस्तान के बीच Corridor पर 24 अक्टूबर को दस्तखत होंगे . पहले दोनों देशों के बीच बैठक 23 अक्टूबर को होनेवाली थी . भारत अभी भी सिख तीर्थयात्रियों पर 20 डॉलर यानी करीब 3100 पाकिस्तानी रुपए का शुल्क लगाए जाने का विरोध कर रहा है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने 9 नवंबर को करतारपुर साहिब कॉरीडोर का उद्घाटन करेंगे. वो भारत की तरफ बने टर्मिनल से श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को करतारपुर साहिब रवाना करेंगे. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान भी 9 नवंबर को ही अपनी तरफ बने टर्मिनल पर भारत के श्रद्धालुओं का स्वागत करेगा. पाकिस्तान में करतारपुर साहिब कॉरिडोर की नींव, भारत के सिखों के लिए एक ऐतिहासिक पल है.


लेकिन इस पवित्र कारीडोर के जरिए पाकिस्तान... भारत के खिलाफ कई साज़िशें भी कर रहा है. आपको हम इस साज़िश के बारे में बताएंगे, लेकिन सबसे पहले ये जान लेते हैं कि करतारपुर साहिब Corridor क्या है ?
करतारपुर साहिब सिखों के लिए एक पूजनीय स्थल है क्योंकि गुरु नानक देव जी ने करतारपुर में ही अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष बिताए थे .


वर्ष 1947 से पहले जब बंटवारा नहीं हुआ था... तब श्रद्धालु बिना किसी रोक टोक के करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकते थे . लेकिन बंटवारे के बाद करतारपुर साहिब का गुरुद्वारा पाकिस्तान के हिस्से में चला गया... और सिखों के लिए करतारपुर साहिब के दर्शन बहुत दुर्लभ हो गए . अभी.. श्रद्धालुओं को 3 से 4 किलोमीटर दूर से..


भारतीय सीमा में बनी दूरबीन के ज़रिए करतारपुर साहिब की सिर्फ एक झलक देखकर ही संतुष्ट होना पड़ता है .जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान दोबारा पंजाब को अशांत करना चाहता है. भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर साहिब कॉरीडोर से रिश्ते बेहतर हो सकते हैं.


लेकिन पाकिस्तान की नीयत और हरकत दोनों में खोट की वजह से ऐसा होना मुश्किल लग रहा है . आज आपको पाकिस्तान की दो ऐसी आतंकी साज़िशों के बारे में बताएंगे... जिसके लिए पाकिस्तान... करतारपुर कॉरिडोर को लॉन्चपैड की तरह इस्तेमाल कर सकता है .
- पाकिस्तान की पहली साज़िश है... करतारपुर साहिब कॉरिडोर के जरिए खालिस्तान आंदोलन को जिंदा करने की कोशिश करना .
- बताया जा रहा है कि कई खालिस्तानी समर्थक इस कॉरीडोर के कार्यक्रम में शामिल होंगे
- पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा नवंबर 2018 में कुछ खालिस्तानी समर्थक से मिल चुके हैं .
- पाकिस्तान में करतारपुर साहिब Corridor के शिलान्यास कार्यक्रम में खालिस्तानी आतंकवादी गोपाल चावला भी मौजूद था .
- तब गोपाल चावला को पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा से हाथ मिलाते हुए देखा गया था .
- गोपाल चावला को आतंकवादी हाफिज़ सईद का करीबी माना जाता है. यानी करतारपुर साहिब कॉरिडोर को ढाल बनाकर पाकिस्तान अपने असली एजेंडे पर काम कर रहा है .
- पिछले कुछ दिनों से पंजाब सीमा पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ड्रोन के जरिए खालिस्तान समर्थकों को हथियार की सप्लाई की थी . यानी पाकिस्तान दोबारा पंजाब में आतंकवाद शुरु करना चाहता है .
- पाकिस्तान की दूसरी साज़िश है... करतारपुर साहिब के दर्शन करनेवाले श्रद्धालुओं से 20 डॉलर का सेवा शुल्क वसूलना .
- पाकिस्तान ने प्रतिदिन 5 हजार तीर्थयात्रियों को दर्शन की अनुमति दी है... इससे पाकिस्तान को रोज़ाना एक लाख डॉलर यानी डेढ़ करोड़ पाकिस्तानी रुपए की कमाई होगी .
- करतारपुर कॉरिडोर के जरिए साल के 365 दिन श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे... और पाकिस्तान की वार्षिक कमाई करीब 570 करोड़ पाकिस्तानी रुपए होगी .
- पाकिस्तान का दावा है वो इस पैसे का इस्तेमाल करतारपुर साहिब में विकास के लिए करेगा. लेकिन जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान इसका इस्तेमाल खालिस्तान समर्थकों और पंजाब में अस्थिरता फैलाने के लिए करेगा .


ये पाकिस्तान की आस्था का कारोबार करनेवाली नीति है. और इमरान खान करतारपुर साहिब कॉरिडोर से कूटनीतिक मुनाफ़ा कमाने की कोशिश कर रहे हैं... लेकिन भारत. कश्मीर से लेकर करतापुर तक पाकिस्तान को कोई डिस्काउंट नहीं देगा. आज आपको ये भी पता होना चाहिए कि करतारपुर साहिब कॉरिडोर कितना तैयार हो चुका है वहां पर सिख तीर्थयात्रियों के लिए क्या सुविधाएं हैं?


इन सवालों का जवाब ढूंढने के लिए ZEE NEWS की टीम करतारपुर साहिब कॉरीडोर गई... और वहां पर आपके लिए एक वीडियो विश्लेषण तैयार किया है... जिसे आपको जरूर देखना चाहिए