नई दिल्ली: लद्दाख में भारत और चीन की तनातनी के बीच चीनी सैनिकों की बर्बरता के किस्‍से एक बार फिर चर्चाओं में आना शुरू हो गए हैं. उन्‍होंने तिब्‍बत में बेइंतहा जुल्‍मोसितम ढाया है. लामाओं का कत्‍ल किया है. दलाई लामा समेत लाखों तिब्‍बतियों को भारत में शरण लेनी पड़ी. ZEE NEWS लगातार छह दिनों से अंतरराष्‍ट्रीय कवरेज के माध्‍यम से चीन और उसकी सेना पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA)की असलियत को उजागर कर रहा है. इसी कड़ी में तिब्बत के निर्वासित राष्ट्रपति लोबसांग सांगेय ने Zee News के साथ बातचीत में PLA की बर्बरता का कच्‍चा-चिट्टा खोला. उन्होंने कहा कि चीन के सैनिक तिब्बत में महिलाओं के साथ बलात्कार करते हैं. उनके साथ जबरदस्ती शादी करते हैं. 


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उन्होंने चीन की बर्बरता के बारे में बताते हुए कहा कि चीन ने तिब्बत में 10 लाख से ज्यादा लोगों का नरसंहार किया. आंदोलन करने पर चीन की सरकार तिब्बती जनता को जेल में डाल देती है. चीन तिब्बत में मठों (मॉनेस्ट्री) को खत्म कर रहा है. तिब्बत की प्राचीन मूर्तियां तोड़ दी गईं या फिर चीन उठा ले गया. उन्होंने कहा कि तिब्‍बत में चीन ने लामाओं का कत्‍ल किया. इतना ही नहीं चीन के सैनिक मठों में मांस पकाकर खाते थे. 


चीन के अत्याचार का सबसे बड़ा सच
1. तिब्बत में चीन के सैनिकों ने लामाओं को मारा
2. PLA ने तिब्बत के लाखों लोगों का नरसंहार किया
3. तिब्बत के मठों में मांस पकाते थे PLA के सैनिक
4. चीन के सैनिकों ने तिब्बत में मठों को तोड़ा
5. तिब्बत में बौद्ध धर्म को खत्म करने की कोशिश की
6. PLA ने तिब्बत में महिलाओं का शारीरिक शोषण किया


चीन के अतिक्रमण का इतिहास
1951                       1962                                   2020 
तिब्बत                     अक्साई चिन                            गलवान



आपको बता दें कि 1951 में चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया था. तिब्बत के लोगों का आरोप है कि पिछले 69 साल से वहां चीन का दमन चक्र जारी है. जब चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया, उस समय माओ त्से तुंग चीन के नेता थे. दलाई लामा तिब्बती लोगों के सबसे बड़े नेता थे. लेकिन चीन ने दलाई लामा को तिब्बत छोड़ने पर मजबूर कर दिया.तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से भारत का खास रिश्ता रहा है. दलाई लामा पिछले सात दशक से भारत में रह रहे हैं.