नई दिल्ली : कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद लगातार बदलते समीकरणों के बीच अब ये तय हो गया है कि बीएस येदियुरप्पा को शनिवार शाम 4 बजे विधानसभा में बहुमत हासिल करना होगा. भाजपा के पास अभी सिर्फ 104 विधायक हैं, जबकि सरकार बनाने के लिए 112 विधायकों की जरूरत होगी. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि वह कैसे बहुमत का जरूरी आंकड़ा छू पाएंगे.


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दरअसल, कांग्रेस के कर्नाटक में 78 विधायक हैं, वहीं जेडीएस के 38 विधायक हैं. दोनों ने मिलकर सरकार बनाने का दावा किया है, लेकिन राज्यपाल ने बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा को आमंत्रण दिया. अब सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को उन्हें बहुमत साबित करने के लिए कहा है.


कांग्रेस और जेडीएस ने अपने विधायकों में टूट होने से बचाने के लिए बेंगलुरु से हैदराबाद शिफ्ट कर दिया है. भाजपा के पास इतने नंबर नहीं है कि वह बहुमत साबित कर सके. निर्दलियों की संख्या भी इतनी नहीं है, जिनके साथ जादुई आंकड़ा हासिल किया जा सके. अब उसे सरकार बचाने के लिए कांग्रेस और जेडीएस के ही विधायकों का सहारा है.


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तो क्या ऐसे छुएगी भाजपा जादुई आंकड़ा?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कहा जा रहा है कि कांग्रेस के करीब 10 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं. इसमें से चार विधायक तो ऐसे हैं, जो कांग्रेस के उन विधायकों में शामिल नहीं हैं, जो हैदराबाद ले जाए गए हैं. इन विधायकों में आनंद सिंह, प्रताप गौड़ा, राजशेखर पाटिल और नागेंद्र शामिल हैं.


सूत्रों के अनुसार, जेडीएस के भी दो विधायक भाजपा के संपर्क में बताए जा रहे हैं. एक निर्दलीय विधायक भी भाजपा को अपना समर्थन दे सकता है. अगर कांग्रेस के विधायकों का समर्थन भाजपा को मिला तो भाजपा की सरकार बच सकती है.


बहुमत का आंकड़ा 111 हो सकता है
कर्नाटक विधानसभा में अभी बहुमत का आंकड़ा 112 है. लेकिन जेडीएस के कुमारास्वामी दो सीटों से चुने गए हैं. इसलिए उनकी एक सीट कम होना तय है, ऐसे में बहुमत का आंकड़ा घटकर 111 हो सकता है. यहां से भी भाजपा को 7 विधायकों की जरूरत पड़ेगी.