बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट एक बेटी की मां हैं. रणबीर कपूर और आलिया भट्ट ने अपनी बेटी का नाम 'राहा' रखा है. आलिया भट्ट की प्रेगनेंसी पहले भी एक बार सुर्खियों में रह चुकी है. मीडिया रिपोर्ट  के अनुसार एक्ट्रेस शादी से पहले ही प्रेग्नेंट हो गयी थी. 


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अब हाल ही में Vogue को दिए इंटरव्यू के बाद फिर से आलिया भट्ट की प्रेगनेंसी खबरों में है. दरअसल मैग्जीन के साथ बातचीत में एक्ट्रेस ने अपने मां बनने के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि उन्हें बेटी राहा के जन्म के बाद थेरेपी क्लासेस जाना पड़ता था. उन्होंने बताया कि मुझे हमेशा लगता है कि लोग क्या सोच रहे होंगे. क्या वो ये सोच रहे होंगे कि मैं सब कुछ अच्छी तरह से मैनेज कर पाती हूं. हालांकि, कोई आपके बारे में नहीं सोचता, फिर भी आप खुद को लेकर कई बार क्रिटिकल हो जाते हो. ऐसे में मैं अपनी मेंटल हेल्थ पर काम करती हूं.  



मां बनना आसान नहीं
पहली बार मां बनने का अहसास बहुत सारी भावनाओं से जुड़ा होता है. इस दौरान कई महिलाएं मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से भी जूझती है जिनका अक्सर ध्यान नहीं दिया जाता है. लेकिन, अगर समय पर इलाज नहीं किया गया, तो ये लंबे समय में तनाव का कारण बन सकते हैं और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकते हैं. चाइल्ड बर्थ से जुड़ी कुछ मेंटल हेल्थ इश्यू को आप यहां जान सकते हैं-

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बॉडी इमेज इश्यू

डिलीवरी के बाद एक महिला का वजन बढ़ जाता है, त्वचा ढीली हो जाती है, पेट ढीला और लटक जाता है और कूल्हों और जांघों सहित उसके शरीर के विभिन्न हिस्सों पर खिंचाव के निशान हो जाते हैं. ऐसे में एक नई माँ के लिए इस नए शरीर को स्वीकार करना कठिन हो सकता है, और यह उसके तनाव और चिंता का कारण बन सकता है.


ब्लू बेबी

इसे पोस्टपार्टम ब्लूज के रूप में भी जाना जाता है, ज्यादातर माताओं को बच्चे को जन्म देने के बाद इसका अनुभव होता है. यह 80 प्रतिशत नई माताओं में पाया जाता है, इसलिए यदि आप परेशान, निराश या असामान्य मूड में बदलाव महसूस कर रहे हैं तो सबसे पहले खुद को बताएं कि आप अकेली नहीं हैं. 


पीटीएसडी डिसऑर्डर

पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीएसडी) तब होता है जब एक महिला बहुत कठिन गर्भावस्था या प्रसव अवधि से गुजरती है. यह लंबे समय तक और दर्दनाक शिशु प्रसव या अचानक आपातकालीन स्थिति का कारण हो सकता है जिसके कारण सिजेरियन सेक्शन करना पड़ता है, या माँ और बच्चे के जीवन को खतरा होता है. ऐसे में एक महिला के दिमाग में बच्चे को जन्म देने का चौंकाने वाला अनुभव वर्षों तक बना रह सकता है, जो उसे मानसिक रूप से परेशान कर सकती है.


बच्चे को अपनाने में कठिनाई

जबकि माँ-बच्चे के बंधन को कई साहित्य और कहानियों में महिमामंडित किया गया है, लेकिन दोनों के बीच तुरंत संबंध बनना मुश्किल होता है. यह रातो रात नहीं होता है. वास्तव में, जैसे ही बच्चा आता है सामान्य दिनचर्या बदलने के कारण कई बार मेंटल स्ट्रेस बहुत ज्यादा हो सकता है, जो की समय के साथ नॉर्मल हो जाता है.