Best rice for diabetes patient: चावल भारत में लोगों की डेली डाइट का महत्वपूर्ण हिस्सा है. यहां लोग बिरयानी, पुलाव, खिचड़ी या दाल-चावल आदि बनाकर सेवन करते हैं. हालांकि, डायबिटीज के मरीजों के लिए चावल बहुत हानिकारक माना जाता है. वास्तव में, सफेद चावल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत अधिक होता है और यह कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है. इसलिए, इसके सेवन से रक्त शुगर स्तर बढ़ जाता है. 


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डायबिटीज में चावल खाने को डॉक्टर सलाह नहीं करते हैं. यदि फिर भी आप चावल पसंद करते हैं और आपको सतर्क रहना पड़ रहा है, तो हम आपको ऐसे एक प्रकार के चावल के बारे में बता रहे हैं, जिसके सेवन से आपके डायबिटीज कंट्रोल में रह सकता है. हाल ही में इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस स्टडी इन साइंस एंड टेक्‍नोलॉजी ने एक अध्ययन किया और पाया कि असम में पैदा होने वाला जोहा चावल ब्लड शुगल लेवल बढ़ने नहीं देता. इससे डायबिटीज कंट्रोल में रहती है. जोहा चावल की खेती असम के गारो हिल्‍स में की जाती है.


जोहा चावल के फायदे
जोहा चावल के सेवन से शुगर लेवल और डायबिटीज को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है. इसे खाने से असम में जितने में यह चावल सर्दियों में पैदा होता है, उन्हें डायबिटीज और कार्डियोवैस्कुलर रोग का कम खतरा होता है. अध्ययन ने भी जोहा चावल के न्यूट्रास्युटिकल गुणों का विश्लेषण किया. जोहा चावल में पाए जाने वाले अनसैचुरेटेड फैटी एसिड यानी (ओमेगा -6) और (ओमेगा -3) कई फिजियोलॉजिकल कंडीशन को ठीक करता है. इस चावल का इस्तेमाल चावल की भूसी का तेल बनाने के लिए भी किया जाता है.


स्‍वाद और खुशबू के लिए मशहूर है जोहा चावल
कहा जाता है कि जोहा चावल बासमती चावल के बराबर है. इसलिए इसे जीआई टैग से सम्मानित किया गया है. इसकी सुगंध बासमती चावल की तरह नहीं होती है, लेकिन यह अपने अनूठे स्‍वाद और आरोमा के लिए पूरे भारत में मशहूर है. यह शाकाहारी और वीजन लोगों के लिए प्‍लांट-बेस्ड प्रोटीन का सोर्स का काम करता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)