बढ़ती उम्र के साथ दिमागी सेहत पर असर पड़ना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन कुछ दिमागी बीमारियां जैसे अल्जाइमर और डिमेंशिया, बुढ़ापे में जीवन को काफी कठिन बना सकती हैं. डॉक्टरों के अनुसार, अगर 30-40 की उम्र में ही अपनी आदतों में कुछ बदलाव कर लिए जाएं, तो इन बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है.


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विशेषज्ञों का कहना है कि 30-40 की उम्र वो समय है जब लाइफस्टाइल में बदलाव करके दिमाग की सेहत को बेहतर बनाए रखा जा सकता है. चलिए जानते हैं कि किन 4 आदतों में बदलाव से बुढ़ापे में इन खतरनाक दिमागी बीमारियों से बचाव किया जा सकता है.


1. हेल्दी डाइट अपनाएं
दिमाग को लंबे समय तक हेल्दी रखने के लिए पौष्टिक भोजन का सेवन बेहद जरूरी है. अपने भोजन में हरी सब्जियां, फल, मछली, नट्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त चीजों को शामिल करें. इससे न केवल दिमाग को पोषण मिलता है, बल्कि अल्जाइमर और डिमेंशिया का खतरा भी कम हो सकता है.


2. नियमित शारीरिक व्यायाम करें
फिजिकल एक्टिविटी न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक सेहत के लिए भी फायदेमंद है. रोजाना 30 मिनट की सैर, योग या कोई भी शारीरिक व्यायाम करने से मस्तिष्क की ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होती है. इससे दिमाग में नई सेल्स बनती हैं, जो कि दिमागी सेहत के लिए महत्वपूर्ण हैं.


3. सोने का समय तय करें
नींद की कमी से दिमाग पर बुरा असर पड़ता है और यह याददाश्त पर भी असर डाल सकता है. रोजाना 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें और सोने का समय निश्चित करें. अच्छी नींद दिमाग को तरोताजा रखती है और मेमोरी को भी बेहतर बनाती है.


4. मानसिक तनाव को कम करें
तनाव भी दिमागी बीमारियों का बड़ा कारण हो सकता है. मेडिटेशन और पॉजिटिव सोच अपनाकर तनाव को कम किया जा सकता है. नियमित रूप से ब्रेन एक्सरसाइज करने से भी मानसिक हेल्थ बेहतर बना रहता है.


इन आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर, दिमाग की इन दो खतरनाक बीमारियों से बचाव किया जा सकता है. याद रखें, हेल्दी लाइफस्टाइल न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक सेहत के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.