डायबिटीज कैपिटल: भारत में 21 करोड़ से ज्यादा मरीज, आंखों और दिमाग के लिए इस तरह बन सकता है जानलेवा
द लांसेट में प्रकाशित एक नए अध्ययन में विशेषज्ञों की तरफ से बताया गया है कि 2022 में भारत में लगभग 212 मिलियन (21.2 करोड़) लोग डायबिटिज से पीड़ित थे. यह आंकड़ा दुनिया में सबसे ज्यादा है.
मधुमेह यानी डायबिटीज को समय रहते यदि काबू में न किया जाए तो यह आंखों और दिमाग को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. यह जानकारी गुरुवार को विशेषज्ञों ने एक अध्ययन के आधार पर दी. द लांसेट में प्रकाशित एक नए अध्ययन में विशेषज्ञों की तरफ से बताया गया है कि 2022 में भारत में लगभग 212 मिलियन (21.2 करोड़) लोग डायबिटिज से पीड़ित थे. यह आंकड़ा दुनिया में सबसे ज्यादा है.
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसुलिन हार्मोन की कमी के कारण ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है. डायबिटीज के मरीजों के खून में अनियंत्रित शुगर की मात्रा के कारण उनके अनेक अंगों में समस्याएं उत्पन्न होना शुरू हो जाती हैं. सर गंगा राम अस्पताल एवं दिल्ली आई सेंटर के वरिष्ठ कॉर्निया, मोतियाबिंद एवं रिफ्रैक्टरी सर्जरी विशेषज्ञ डॉ. इकेदा लाल के अनुसार, अनियंत्रित डायबिटीज आंखों पर विनाशकारी प्रभाव डाल सकता है, जिससे डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी स्थिति पैदा हो सकती है.
क्या है शुरुआती लक्षण?
डॉ. इकेदा के अनुसार, इस स्थिति में प्रायः शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखते, जिससे इस बीमारी से ग्रसित लोगों में नियमित जांच ज्यादा जरूरी हो जाती है. हाई ब्लड शुगर लेवल रेटिना की नाजुक नसों को नुकसान पहुंचाता है, जिसका इलाज न किए जाने पर हमारी देखने की क्षमता को नुकसान होता है. इस बीमारी का समय पर पता लगाना बहुत जरूरी है. नियमित आंखों की जांच से छोटे से छोटे परिवर्तनों को बढ़ने से पहले ही पकड़ा जा सकता है.
आंखों को कैसे बचाया जा सकता है?
डायबिटीज के नियंत्रण और आंख की रोशनी की सुरक्षा एक साथ चलते हैं, जिससे लंबे समय तक आंखों को बचाया जा सकता है. इसे समय पर कंट्रोल कर लेने से मरीजों को अपनी दृष्टि और जीवन की क्वालिटी बनाए रखने में मदद मिल सकती है. इसके अलावा, अनियंत्रित डायबिटीज मरीजों में विभिन्न न्यूरोलॉजिकल स्थितियों को भी जन्म देता है.
स्ट्रोक, डिमेंशिया का भी खतरा
एस्टर आरवी अस्पताल में न्यूरोलॉजी की वरिष्ठ सलाहकार डॉ. सौम्या एम ने बताया कि डायबिटीज से पीड़ित शख्स में दिमाग से जुड़ी दिक्कतें स्ट्रोक, डिमेंशिया, अनियंत्रित ब्लड शुगर के कारण इम्यूनिटी में कमी के कारण संक्रमण या फिर मिर्गी के दौरों के रूप में दिखती हैं. एक्सपर्ट की मानें तो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के उपाय करके इन सभी बीमारियों को रोका जा सकता है.
WHO का क्या कहना?
गुरुवार को दक्षिण पूर्व एशिया के लिए डब्ल्यूएचओ की रीजनल डायरेक्टर साइमा वाजेद ने कहा कि उपचार न की गई और अनियंत्रित डायबिटीज के परिणामों में दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फेल होने, अंधापन और एम्प्यूटेशन (अंग-विच्छेदन) भी शामिल हैं. वाजेद ने आगे कहा कि ये समस्याएं न केवल व्यक्तियों और परिवारों पर इमोशनल और फाइनेंशियल बोझ डालती हैं, बल्कि हेल्थ केयर सिस्टम पर भी महत्वपूर्ण फाइनेंशियल दबाव डालती हैं. उन्होंने सभी देशों से डायबिटीज मरीजों की संख्या को बढ़ने से रोकने के लिए सामूहिक रूप से काम करने का आग्रह किया.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.