International Day of Light 2024: हार साल 16 मई को इंटरनेशनल डे ऑफ लाइट सेलिब्रेट किया जाता है, इसका मकसद रोशनी के विज्ञान, लाइट बेस्ड टेक्नोलॉजी और इसके एप्लिकेशन को लेकर अवेयरनेस पैदा करना है. कहा जाता है कि बिना रोशनी के हमारी जिंदगी अधूरी है. जब शाम के वक्त अंधेरा छाता है तो इलेक्ट्रिक लाइट या मोमबत्ती की मदद से हम उजाला करते हैं. नॉर्वे और स्वीडन जैसे देशों में जहां कई महीने तक सूरज की रोशनी नहीं पड़ती, वहां अक्सर लोग डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि हमारी अच्छी सेहत को बरकार रखने लिए लाइट क्यों जरूरी है.


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सेहत पर लाइट का असर


1. नींद


मौजूदा भागदौड़ भरी जिंदगी में रात के वक्त 7 से 8 घंटे की सुकून की नींद पाना एक चैलेंजिंग टास्क हो सकता है.अगर आप डिम लाइट में अपनी शाम गुजारते हैं, या फिर सोते वक्त मोबाइल चलाते हैं तो इससे स्लीप पर काफी बुरा असर पड़ता है. इसलिए हेल्दी स्लीप रूटीन के लिए आप दिन के वक्त खुद को सूरज के नेचुरल लाइट में खुद को एक्सपोज करें और रात में बेडटाइम में मोबाइल का इस्तेमाल न करें



2. आंखों की रोशनी


कई लोगों को रात के वक्त चीजें देखने में काफी दिक्कतें आती हैं, हो सकता है कि आपके कमरे में ऐसी इलेक्ट्रिक लाइट लगी हो जो आंखों को नुकसान पहुंचाती हों. इसके अलावा आप टीवी, कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल से जो ब्लू लाइट निकलती है, वो आंखों की रोशनी के लिए अच्छी नहीं है. इससे आई स्ट्रेन और सिरदर्द की शिकायत हो सकती है. नेचुरल सनलाइट अगर डायरेक्ट आंखों पर न पड़े तो ये आई की हेल्थ की लिए अच्छी है.


3. मेंटल हेल्थ


अगर आप दिन के वक्त नेचुरल सनलाइट में बिलकुल भी बाहर नहीं निकलते हैं, तो बेहद मुमकिन है आपको विटामिन डी की कमी हो सकती है. इस न्यूट्रिएंट की डेफिशिएंसी आपके मूड को बिगाड़ सकती है, इसके अलावा हड्डियों की कमजोरी और हार्ट डिजीज का कारण बन सकती हैं. अगर आपको मेंटल हेल्थ अच्छा रखना है तो हर हर में थोड़े देर धूप में जाएं


Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.