नई दिल्ली: अगर आपकी जिंदगी में पति, पत्नी, प्रेमी या प्रेमिका के तौर पर कोई पजेसिव पार्टनर (Possessive Partner) है तो संभल जाइए. दरअसल ऐसे रिश्ते सिर्फ कहानियों और फिल्मों में अच्छे लगते हैं. निजी जिंदगी में अगर पार्टनर कुछ ज्यादा पजेसिव हो जाए तो आपको कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.


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सर्वे में सामने आईं ये बातें
अमेरिका की मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी (University of Massachusetts) में हाल ही में 5322 लोगों पर किए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों के पार्टनर्स जरूरत से ज्यादा पजेसिव हैं, उनमें आत्मविश्वास की बेहद कमी होती है. इसके अलावा उन्हें त्वचा, एसिडिटी (Acidity), हार्ट (Heart), न्यूरो (Neuro) और एलर्जी (Allergy) की समस्याएं भी होने लगती हैं. प्रोफेसर ह्यूगो रॉबर्ट कहते हैं, ‘पजेसिव पार्टनर के साथ रहने के कई खतरे हैं. इनमें सबसे बड़ा खतरा सेहत से जुड़ा है. साथी को पता ही नहीं चलता कि वह क्यों बीमार पड़ने लगा है. दरअसल पजेसिव पार्टनर की यही चाहत होती है कि उनके साथी पर सिर्फ उनका हक हो. एक वक्त के बाद वे उस पर हावी होने लगते हैं.’


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सुधर सकते हैं पजेसिव पार्टनर
इस स्टडी में भाग लेने वाले लगभग 35 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उनके पार्टनर एक वक्त पर उन पर हावी रहा करते थे. उनके पीछे साए की तरह लगे रहते थे. लेकिन जब उन्हें एहसास दिलाया गया कि इस वजह से रिश्ता टूट सकता है तो उनमें कुछ सुधार भी आया. लेकिन 21 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके पार्टनर कभी नहीं सुधरे.


क्यों होते हैं रिश्ते में पजेसिव?
हेल्दी रिश्ता वही होता है, जहां दोनों पार्टनर एक-दूसरे पर विश्वास रखते हैं और एक-दूसरे को ब्रीदिंग स्पेस (Breathing Space) देते हैं. एक-दूसरे को उनकी पर्सनालिटी (Personality) के साथ स्वीकारना भी रिश्ते के लिए अच्छा माना जाता है. लेकिन जब एक पार्टनर पजेसिव होता है तो वह चाहता है कि दूसरे पर सिर्फ उसका अधिकार रहे, वह उसकी मर्जी के बिना कुछ न करे. वह उसके हर कदम पर अपना हक समझने लगता है. यह भी देखा गया है कि अगर स्त्री रिश्ते में पजेसिव होने लगती है तो उसका नतीजा और भी बुरा होता है. वह एक समय के बाद शक करने लगती है और रिश्ते की बुनियाद हिलने लगती है.


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अगर आपमें दिखें ये लक्षण तो संभल जाएं
अगर लक्षणों को शुरुआत में ही समझकर उन्हें सुधार लिया जाए तो रिश्ता बेहतर बनाया जा सकता है.


1. अपने पार्टनर से मिलते समय यह सोचना पड़े कि उन्हें क्या बताया जाए, क्या छिपाया जाए.
2. आप अपने पार्टनर से प्यार करने के बजाय डरने लगे हैं. आप बहुत कुछ ऐसा करते हैं, जिससे बेशक आपको खुशी न मिले लेकिन आपका पार्टनर खुश हो जाए.
3. आप रिश्ते में घुटन महसूस करने लगे हैं. आपको अपने काम में ध्यान केंद्रित करने में तकलीफ होने लगी है.
अगर आपको इनमें से कुछ लक्षण दिख रहे हैं तो पार्टनर से खुलकर बात करने का वक्त आ गया है.


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