नई दिल्ली: अभी आप न्यूज चैनल देखते होंगे या अखबारों में इसके बारे में पढ़ते होंगे तो आपको ऐसा लगता होगा कि भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) का विस्फोट हो चुका है. सभी न्यूज चैनल आपको ये बताने में लगे हैं कि भारत में संक्रमण कई गुना रफ्तार से फैल रहा है और ऐसा करके डर का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि डर एक ऐसी चीज है, जिसे आसानी से खरीदार मिल जाते हैं. लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि Omicron आपका दुश्मन नहीं बल्कि आपका दोस्त है. अमेरिका में हुई एक स्टडी में पता चला है कि Omicron वेरिएंट कोरोना की एक ऐसी नैचुरल वैक्सीन है, जो इस साल के अंत तक इस महामारी को समाप्त कर सकती है.


क्या Spanish Flu जैसा होगा कोरोना का हाल?


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साल 1918 में जब Spanish Flu आया था, तब भी उसने काफी तबाही मचाई थी. लेकिन बाद में जब इस महामारी ने वर्ष 1922 में प्रवेश किया तो ये कमजोर पड़ने के बाद लगभग खत्म हो गई. तो क्या 100 साल बाद वर्ष 2022 में भी कोरोना का Spanish Flu जैसे हाल होगा?


रिसर्च में किया गया ये दावा


अमेरिका की Yale University में हुई रिसर्च के मुताबिक, Delta Variant की तुलना में Omicron में काफी अधिक Mutation हुए. सरल शब्दों में आप Mutation को वायरस का स्वभाव भी कह सकते हैं यानी कोई भी वायरस अपना स्वभाव बदलता रहता है और कई बार ये Mutaion वायरस को कमजोर बना देते हैं और कई बार उसे पहले के मुकाबले खतरनाक बना देते हैं. वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना वायरस में जितने भी Mutation हुए उन्होंने इस वायरस को इंसानों के लिए खतरनाक बना दिया. लेकिन Omicron इस वायरस को खत्म कर सकता है.


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डेल्टा वेरिएंट को रिप्लेस करेगा ओमिक्रॉन


ये बात तो आपको पता ही है कि Omicron, Delta Variant की तुलना में तेजी से फैलता है. लेकिन अमेरिका में हुई Study कहती है कि इसके संक्रमण फैलने की यही रफ्तार इस महामारी को खत्म करने में मदद करेगी. Omicron जितनी तेजी से फैलेगा उतनी ही तेजी से ये कोरोना के Delta Variant को रिप्लेस कर देगा, जो इसके मुकाबले ज्यादा खतरनाक है.


नैचुरल वैक्सीन की तरह काम कर रहा ओमिक्रॉन


दूसरी बात, Omicron ज्यादा संक्रामक जरूर है, लेकिन ज्यादातर मामलों में इसमें मरीज को अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराने की जरूरत नहीं पड़ती. बल्कि जैसे सामान्य सर्दी जुकाम चार पांच दिन में चला जाता है, वैसे ही इसके लक्षण भी चार पांच दिन में चले जाते हैं. और इसे आप इस बात से समझ सकते हैं कि अमेरिका में Omicron से संक्रमित मरीजों के लिए Home Isolation केवल पांच दिन का कर दिया गया है. वहां जिन लोगों को Omicron हुआ है, वो संक्रमित होने के पांच दिन बाद लक्षण नहीं होने पर घर से बाहर जा सकते हैं. हालांकि इस दौरान उन्हें मास्क लगाकर रखना होगा. सबसे महत्वपूर्ण बात, ये वेरिएंट एक नैचुरल वैक्सीन का भी काम कर रहा है.


ब्रिटेन में जो लोग Omicron से ठीक हो चुके हैं, उनमें High Level की Antibodies मिली हैं. Antibodies आपके शरीर का वो रक्षा कवच है, जो कोरोना जैसे वायरस और दूसरी बीमारियों से लड़ता है और अभी आप जो वैक्सीन लगवाते हैं, उससे भी शरीर में Antibodies ही बनती हैं. लेकिन ये स्टडी कहती है कि Omicron से शरीर में बनी Antibodies इतनी ताकतवर हैं कि कोई भी वैक्सीन ये Antibodies विकसित नहीं कर सकती. और शायद यही वजह है कि अब अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में कोरोना के मामले बढ़ने पर भी इसे गंभीर नहीं माना जा रहा है. अमेरिका में इस समय ढाई लाख और ब्रिटेन में लगभग डेढ़ लाख कोरोना के मामले हर दिन मिल रहे हैं लेकिन इसके बावजूद वहां मौत का आंकड़ा तीन से चार गुना कम है.



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इससे ये पता चलता है कि Omicron से लोग संक्रमित तो हो रहे हैं लेकिन ये संक्रमण आपके शरीर के लिए खतरनाक नहीं है. और अब तक इस वेरिएंट में Hospitalization के जो आंकड़े मिले हैं वो भी यही बताते हैं. Delta Variant में हर 100 में 30 मरीजों को संक्रमण होने के तीन से चार दिनों में अस्पताल में भर्ती होने पड़ता था. लेकिन Omicron में ये आंकड़ा हर 100 में से 10 से 13 मरीजों का ही है. और इन 13 मरीजों में भी 50 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ रही है और हमें लगता है कि ये बहुत बड़ी Positive News है.


हालांकि अभी आप न्यूज चैनल देखते होंगे या अखबारों में इसके बारे में पढ़ते होंगे तो आपको ऐसा लगता होगा कि भारत में कोरोना का विस्फोट हो चुका है. सभी न्यूज चैनल आपको ये बताने में लगे हैं कि भारत में संक्रमण कई गुना रफ्तार से फैल रहा है और ऐसा करके डर का माहौल पैदा करने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि डर को आसानी से खरीदार मिल जाते हैं. लेकिन आज आपको लगे हाथ इन बढ़े हुए मामलों का भी गणित बता देते हैं.


27 दिसंबर को भारत में कोरोना से लगभग 6 हजार लोग संक्रमित हुए थे. लेकिन दो जनवरी को प्रति दिन मामले बढ़कर 33 हजार पहुंच गए. यानी संक्रमण चार गुना तेजी से फैल रहा है. लेकिन मौत का आंकड़ा देखें तो वो दूसरे देशों की तरह कम हुआ है. 27 दिसंबर को जब 6 हजार मामले मिले थे, तब 293 मौत हुई थीं. और अब जब 33 हजार लोग एक दिन में संक्रमित हुए हैं, तब मौत की दर प्रतिदिन 123 है यानी आधी से भी कम है.


इसके अलावा दिल्ली और मुंबई जैसी जगहों पर कोरोना के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. इन जगहों पर भी संक्रमण बढ़ा है लेकिन गंभीर मामले और मरने वालों की संख्या बहुत कम है. एक और बात भारत में कोरोना का विस्फोट तो हुआ है लेकिन Omicron के आधिकारिक मामले अब तक 1700 ही हैं जिनमें से 639 ठीक भी हो चुके हैं जबकि इतने मामलों में केवल एक ही मौत की पुष्टि अब तक हुई है.


ज्यादातर मामलों में Omicron वेरिएंट के लक्षण लगभग वैसे ही हैं, जैसे सामान्य सर्दी जुकाम में होते हैं. इसलिए बहुत सारे लोग ये अंतर नहीं कर पा रहे हैं कि उन्हें या उनके परिवार के सदस्यों को सामान्य सर्दी जुकाम हुआ है या वो Omicron से संक्रमित हुए हैं. इसलिए आप हमारी कुछ बातों को ध्यान रख कर इनमें अंतर कर सकते हैं.


डॉक्टरों के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति को लगातार एक घंटे तक खांसी होती है, खांसी रुकती नहीं है तो ये कोरोना का लक्षण हो सकता है. ऐसे में इसे सामान्य सर्दी जुकाम ना मानें और ये सोच कर खुद के डॉक्टर ना बनें कि आपको ठंड लग गई है. दूसरी बात Omicron में दो नए लक्षण देखे गए हैं. पहला है रात को सोते वक्त पसीना आना और दूसरा है दिन में कई बार उल्टी होना. इसलिए अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण है तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें.


सामान्य सर्दी जुकाम में आपको बुखार आता है और जल्दी ही उतर भी जाता है. जबकि Omicron के बहुत सारे मरीजों में ऐसा देखा गया है कि मरीज को कुछ दिन तक बुखार रहता है इसलिए आप अपने शरीर का Temperature चेक करते रहें. अगर चार दिन बाद भी हल्का बुखार आता है तो आपको सावधानी बरतते हुए कोरोना की जांच करानी चाहिए.


कोई व्यक्ति Omicron से संक्रमित हुआ है या नहीं, इसके बारे में केवल Genome Sequencing से ही पता चल सकता है. यानी आप कोरोना का RT-PCR टेस्ट कराएंगे तो वो आपको ये बताने में सक्षम नहीं है कि आप Omicron से संक्रमित हुए हैं या नहीं. इसलिए आप Omicron के लक्षणों से इसकी पहचान कर सकते हैं.


इनमें पहला और प्रमुख लक्षण है नाक बहना और गले में खराश. इसके अलावा खाना खाने का मन ना करना, थोड़ी-थोड़ी देर में बुखार आना, मांसपेशियों में दर्द, थकान महसूस होना और दो लक्षण हम आपको बता ही चुके हैं रात को सोते वक्त पसीना आना और लगातार कई बार उल्टी होना.


डॉक्टरों के मुताबिक, अगर आपको ये लक्षण तीन चार दिन तक रहते हैं तो आपको कोरोना का RT-PCR टेस्ट जरूर कराना चाहिए. अगर ज्यादा तकलीफ है तो आप पहले दिन भी टेस्ट करा सकते हैं.