हाल ही में जया बच्चन , श्वेता बच्चन नव्या नवेली नंदा के ' व्हाट द हेल नव्या ' पॉडकास्ट के एपिसोड में गेस्ट बनकर पहुंची थी. यहां उन्होंने "वूमन एंड फेलियर" पर चर्चा की. इस सवाल जवाब में कई चीजें ऐसी निकल कर आयी जिससे हर किसी को सीख लेनी चाहिए. 13 मार्च को, नव्या ने एक क्लिप शेयर की जिसमें तीनों बात कर रहे हैं कि वे असफलताओं और समाज में आम कहावतों से कैसे निपटते हैं जहां महिलाओं को पुरुषों के जीवन में सफलता के कारण के रूप में दर्शाया जाता है.


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मैं खुद के लिए बहुत कठोर हो जाती हूं

श्वेता ने यह कहकर शुरुआत की, "मुझे नहीं लगता कि दुनिया उन लोगों के प्रति दयालु है जो चीजों में असफल होते हैं। नव्या ने उनसे पूछा, अगर आप किसी चीज में असफल हो जाते हैं तो क्या आप उदास हो जाते हैं...?' श्वेता ने बताया कि वह खुद पर बहुत कठोर महसूस करती हैं. यह एक ऐसी मानसिकता है जिससे हममें से ज्यादातर लोग ग्रसित हैं.


मां-बेटी बिल्कुल अलग-अलग

अभिनेत्री जया की सवाल पर बिल्कुल अलग राय है. वह कहती हैं कि जब भी वह असफल होती हैं तो वह तुरंत उस काम को बेहतर तरीके से करने की कोशिश में जुट जाती हैं. जो कि बिल्कुल सही तरीका है अपनी असफलता को सफलता में बदलने का. हालांकि इसे कर पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती है.


पुरुषों की असफलता के लिए महिला जिम्मेदार नहीं

नव्या ने आगे कहा, कभी-कभी पुरुष की विफलता के लिए भी महिलाओं को दोषी ठहराया जाता है. इसके जवाब में श्वेता ने कहा, मुझे लगता है कि यह उस कहावत के कारण है, कि हर सफल आदमी के पीछे एक महिला होती है. वह उसके पक्ष में क्यों नहीं खड़ी हो सकती, उसे उसके पीछे रहने की जरूरत नहीं है. यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर आज के समय में हर किसी को सोचना चाहिए. क्योंकि साथ चलने से पुरुष और महिला दोनों साथ में तरक्की कर सकते हैं.