झूठ बोलना कोई आसान काम नहीं. सामने वाले व्यक्ति को अपने झूठ पर यकिन करवाना किसी कला से कम नहीं होता है. इसलिए कभी भी झूठ वाले व्यक्ति को बेवकूफ समझने या सीधा समझने की गलती नहीं करनी चाहिए. ऐसे व्यक्ति के साथ होने पर पूरी तरह से सतर्क रहे. क्योंकि ये लोग कब अपने फायदे के लिए आपका फायदा उठा ले, आपको बता भी नहीं चलेगा. 

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वास्तव में, झूठ बोलने के लिए सच बोलने से ज्यादा बुद्धि का प्रयोग करने की आवश्यकता होती है. इसलिए प्रैक्टिस के साथ झूठ बोलने की कला को इस स्तर पर लोग निखार लेते हैं कि कोई आम आदमी उनका सच नहीं पकड़ पाता है. लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि हर चोर चोरी करते वक्त कुछ ना कुछ गलती जरूर करता है. बस उसे पकड़ने के लिए सतर्क होना और पुरानी अवधारणा के आधार पर सोचना बंद करना जरूरी होता है. ऐसे में यहां आप एक झूठे व्यक्ति को पहचानने के कुछ ट्रिक्स जान सकते हैं- 


झूठ बोलने वालों के कुछ संकेत


- झूठ बोलने वाले लोग अपनी कहानी क्रमवार सुनाते हैं. कहानी की शुरुआत और अंत पहले से तय होता है. वहीं सच बोलने वाले लोग बातें सीधे-सीधे बताते हैं. हो सकता है दोबारा वही बात बताते हुए दो तीन बातें और नयी जोड़ दें.


- आम धारणा के विपरीत, झूठ बोलने वाले लोग आपकी ओर ही देखते हैं. वे जानना चाहते हैं कि आप उन पर विश्वास कर रहे हैं या नहीं. ऐसा अक्सर वह लोग करते हैं जो पूरी प्लानिंग के साथ झूठ बोलते हैं.


- झूठ बोलते समय लोग अपेक्षाकृत बेहतर और अधिक परिष्कृत भाषा का प्रयोग करते हैं. वे ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं जिन्हें शायद आपने उनसे पहले कभी ना सुना हो.  


- सच बोलने वाले लोग स्वाभाविक रूप से बात करते हैं. वे एक ही घटना का वर्णन करते समय नए तथ्य भी जोड़ सकते हैं. वहीं झूठ बोलने वाले वही बातें दोहराते हैं जो उन्होंने पहले कही थीं.


- यदि कोई व्यक्ति किसी घटना का वर्णन करते समय 'मैं' या 'मेरा' जैसे सर्वनामों का प्रयोग नहीं करता है, तो सावधान हो जाएं. हो सकता है वे सच छुपा रहे हों. 


- झूठ बोलने वाले लोग महत्वपूर्ण तथ्यों को छुपाते हैं या भूलने का नाटक करते हैं. ऐसे में कभी भी वह आपके सवालों का सीधा जवाब नहीं देंगे. वे अक्सर आपके सवालों का जवाब दूसरे सवालों से देते हैं. आप झूठ बोलने वाले लोगों से एक शब्द में कोई जवाब आसानी से नहीं निकलवा सकते हैं.