Respiratory Warning Sign Of Air Pollution: दिल्ली की एयर क्वालिटी काफी खराब हो चुकी है, यहां सांस लेना मुश्किल हो चुका है, देश की राजधानी से सटे शहर  नोएडा (Noida), गाजियाबाद (Ghaziabad), गुड़गांव (Gurgaon) और फरीदाबाद (Faridabad) भी हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, ऐसे में रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम्स हो सकती है. पल्मोनोलॉजिस्ट्स के मुताबिक सांसों से जुड़ी परेशानियों के लक्षणों को सही समय पर पहचानना बेहद जरूरी है, तभी हम अपना सही इलाज करा पाएंगे, वरना हालात और भी मुश्किल हो सकते हैं.


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एयर पॉल्यूशन से होने वाली रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम्स को कैसे पहचानें?


दिल्ली के वसंत कुंज में स्थित फोर्टिस अस्पताल के सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत सक्सेना (Dr. Prashant Saxena) ने एयर पॉल्यूशन से होने वाले खतरे को पहचानने के लिए सांसों से जुड़े इन लक्षणों पर गौर करने की सलाह दी है.


1. अचानक सूखी खांसी का हद से ज्यादा बढ़ जाना, जिसका मतलब है कि आप एक हफ्ते पहले सेहतमंद थे, लेकिन जैसे ही वायु प्रदूषण बढ़ता है ड्राई कफ आना शुरू हो जाता है.


2. बहुत से लोगों को हवा में मौजूद धूल के कणों से एलर्जी होती है जो सांसों से जुड़ी तकलीफें बढ़ा सकती है, इसलिए इससे सतर्क रहना बेहद जरूरी है


3. सीढ़ियाँ चढ़ते या चलते समय सांस लेने में तकलीफ होना. अगर आप पहले आसानी से 3 से 4 मंजिल की सीढ़ियां चढ़ जाते थे, और अब सांस फूल रही है, इसका मतलब है कि पॉल्यूशन असर कर चुका है.


4. वायु प्रदूषण के कारण भी खर्राटे और घरघराहट बढ़ जाती है. आमतौर पर सोते वक्त आपके करीबी लोग इस परिवर्तन को महसूस कर पाते हैं.


5. इसके अलावा बहती नाक, सूखी आंखें और खांसी वायु प्रदूषण से होने वाली एलर्जी के सामान्य लक्षण हैं जो सांसों से जुड़ी  बीमारियों को ट्रिगर कर सकते हैं.


6. कोविड-19 ने हर किसी के फेफड़ों को बुरी तरह प्रभावित किया है और वायु प्रदूषण के साथ मिलकर यह किसी भी श्वसन संबंधी समस्या को ट्रिगर कर सकता है.


7. चलते वक्त सांस फूलना, खांसी और गले में जलन भी वायु प्रदूषण के कारण होने वाले आम रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम्स हैं.


डॉ. प्रशांत सक्सेना ने कहा कि अगर आप अपनी आंखों में कोई बदलाव देखते हैं, नाक बहने लगती है, खांसी या गले में जलन होती है तो समझ जाएं कि ये वायु प्रदूषण के कारण श्वसन संबंधी बीमारी (Respiratory illness due to air pollution) की शुरुआत है. ऐसे में आपको तुरंत किसी पल्मोनोलॉजिस्ट (Pulmonologist) के पास जाना चाहिए.