एक खतरनाक बीमारी हमारे बीच पनप रही है, जिसका नाम है लिवर डिसीज यानी जिगर की बीमारी. यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि हर 10 में से 1 व्यक्ति इससे प्रभावित हो सकता है, लेकिन इसका दुर्भाग्य यह है कि इसके लक्षण तब तक सामने नहीं आते जब तक कि काफी देर हो चुकी होती है.


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ब्रिटिश लिवर ट्रस्ट यूके द्वारा किए गए एक अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस ट्रस्ट ने देश भर में 20 से ज्यादा शहरों में अपने लिवर चेकअप रोड शो का आयोजन किया, जिसमें 2000 से ज्यादा लोगों ने भाग लिया. इनमें से लगभग 10% लोगों के लिवर स्कैन में संभावित लीवर रोग के संकेत मिले.


चिंताजनक
यह आंकड़ा इसलिए और भी चिंताजनक है क्योंकि यह रोड शो केवल लिवर रोग के खतरे वाले लोगों को ही नहीं, बल्कि आम जनता को भी टारगेट कर रहा था. इसका मतलब साफ है कि लिवर रोग पहले के अनुमानों से कहीं ज्यादा व्यापक रूप से फैला हुआ है.


देर से मिलते हैं लक्षण
इस बीमारी का सबसे बड़ा खतरा यह है कि इसके लक्षण बहुत देर से दिखाई देते हैं. जब तक लक्षण दिखते हैं, तब तक लिवर काफी हद तक डैमेज हो चुका होता है और इसका इलाज मुश्किल हो जाता है. ब्रिटिश लीवर ट्रस्ट की चीफ एग्जीक्यूटिव पामेला हीली ओबीई कहती हैं कि लिवर रोग बिना किसी लक्षण के धीरे-धीरे विकसित होता है. फिलहाल, तीन चौथाई लोगों का निदान तब होता है जब यह सिरोसिस की स्थिति में पहुंच चुका होता है, जिसका इलाज बहुत मुश्किल है.


शुरुआती स्टेज ठीक हो सकती है बीमारी
हालांकि, अगर इस बीमारी का पता शुरुआती दौर में लग जाए तो इसका नुकसान रोकने और कुछ मामलों में ठीक करने की भी संभावना है. यही वजह है कि लिवर ट्रस्ट अपने रोड शो के जरिए लोगों को जागरूक करने और लिवर रोग का पता लगाने में मदद कर रहा है.


लिवर रोग में चार गुना बढ़ोतरी
2021 के आंकड़ों के अनुसार, ब्रिटेन में अकेले लिवर रोग से लगभग 11,500 लोगों की मौत हुई. यह 1970 के बाद से चार गुना बढ़ोतरी है और यह एकमात्र प्रमुख बीमारी है, जिससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है. लिवर ट्रस्ट लोगों को लिवर रोग के बारे में जागरूक करने और इसके खतरे को कम करने के लिए राष्ट्रीय अभियान चला रहा है. इस अभियान के तहत लोगों को लिवर रोग के बारे में जानकारी दी जाती है और उन्हें लिवर की सेहत का ख्याल रखने के लिए प्रेरित किया जाता है.