Benefits of Tulsi water in hindi : भगवान विष्णु से जुड़े होने के कारण तुलसी को विष्णुप्रिया भी कहा जाता है. इसका उल्लेख प्राचीन शास्त्रों में भी मिलता है. सदियों से तुलसी अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है. दरअसल, तुलसी लैमियासी परिवार से संबंधित है, जो आयुर्वेदिक दवा बनाने के काम आती है. रेस्‍पीरेटरी ड‍िस्‍ऑर्डर यानी सांस जुड़ी परेशानी से लेकर वायर इंफेक्‍शन तक के इलाज में तुलसी बेहद उपयोगी है. आपको ये जानकर हैरानी होगी क‍ि तुलसी की स‍िर्फ पत्‍त‍ियां ही नहीं, इस पौधे का हर हिस्‍सा (तना, बीज, जड़, फूल, पत्‍त‍ियां) औषधीय गुणों से भरपूर होता है.   यह भी पढ़े : सूर्य नमस्‍कार करने से क्‍या होता है?


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अगर आपको खांसी है तो दो चार तुलसी के पत्‍ते तोड़कर मुंह में रख लें, फटाफट आराम म‍िल जाएगा. इसके बीज को पानी में उबालकर पी लेने से भी गले को राहत म‍िलती है. आप इसे सलाद, पास्‍ता आद‍ि में भी यूज कर सकते हैं. रात में गर्म पानी करके उसमें कुछ पत्‍ते डालकर रख दें और सुबह खाली पेट पी लें. इससे आपको कई ऐसे फायदे होंगे, ज‍िसके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होगा. आइये जानते हैं क‍ि अगर सुबह-सुबह खाली पेट तुलसी वाला पानी प‍िया जाए तो उससे कौन से फायदे म‍िलेंगे. 


तुलसी वाले पानी के फायदे (Benefits of Tulsi water) 


बरसात की बीमार‍ियों में 
बरसात के मौसम में डेंगू, मलेरिया और मौसमी फ्लू जैसी बीमारियों का खतरा सबसे ज्‍यादा रहता है. ऐसे में अगर तुलसी पत्तियों को चाय और पानी के साथ उबालकर पीएं तो बुखार ठीक हो सकता है. तुलसी के पत्तों को शहद में मिलाकर खाने से सांस की द‍िक्‍कतें और बलगम जैसी परेशानी दूर होती है. तुलसी गले की खराश से भी राहत दिला सकती है. तुलसी के पत्तों को पानी में उबालकर पिया जा सकता है या तुलसी के पानी का इस्तेमाल गरारे के रूप में भी किया जा सकता है. यह भी पढ़ें : राइस ब्रैन या सनफ्लावर ऑयल, खाना पकाने के ल‍िए कौन सा तेल है ज्‍यादा हेल्‍दी?


क‍िडनी की सेहत में सुधार 
तुलसी के कई औषधीये गुणों में से एक क‍िडनी की पथरी ठीक करना भी है. क‍िडनी की पथरी वाले लोगों को शहद के साथ इसके पत्तों का रस पीने की सलाह दी जाती है. आयुर्वेद के अनुसार, मूत्र मार्ग से पथरी को निकालने में मदद करने के लिए इसे छह महीने तक दिया जा सकता है. लेक‍िन इसके ल‍िए डॉक्‍टर की सलाह जरूर ले लें. खुद उपचार ना करें. 


ब्‍लड शुगर को मैनेज करता है 
ग्लोबल साइंस रिसर्च जर्नल में पब्‍ल‍िश स्‍टडी के अनुसार, खाली पेट दो से तीन तुलसी के पत्ते या एक चम्मच तुलसी का रस पीने से ब्‍लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है. एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि तुलसी का सेवन उपवास के दौरान ब्‍लड शुगर को काफी कम कर सकता है. 


स्‍क‍िन इंफेक्‍शन से राहत
तुलसी के एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-वायरल गुण होते हैं जो स्‍क‍िन इंफेक्‍शन को कम करते हैं और धीरे-धीरे उसे खत्‍म कर देते हैं. तुलसी के रस का उपयोग फंगल संक्रमण और अन्य प्रकार के स्‍क‍िन इंफेक्‍शन के इलाज में मदद करता है. इसका उपयोग ल्यूकोडर्मा को ठीक करने के लिए भी किया जा सकता है. 


स्‍ट्रेस कम करता है 
तुलसी को एडाप्टोजेनिक माना जाता है जो मूड स्विंग को कंट्रोल करने और शांति और मानसिक स्पष्टता को बढ़ावा देने में मदद करता है. यह शरीर की बदलती परिस्थितियों के अनुकूल होने की क्षमता को बढ़ाता है. 


दिल की सेहत 
पवित्र तुलसी विटामिन सी और यूजेनॉल जैसे एंटीऑक्सीडेंट का भंडार है, जो दिल को फ्री रेड‍िकल्‍स के हानिकारक प्रभावों से बचाता है. इसके एंटीऑक्सीडेंट तत्व अदरक, लहसुन, लाल अंगूर और बेर के बराबर होते हैं. यह भी पढ़ें : केले के पत्‍तों पर खाना क्‍यों खाते हैं साउथ इंड‍िया के लोग? ये है असली वजह


ब्‍लड प्रेशर कम करता है
तुलसी ब्‍लड प्रेशर को कम करने में कारगर है. यह पोटेशियम, विटामिन ए और सी से भरपूर है. चार से छह सप्ताह तक हर दिन खाली पेट तुलसी का सेवन करने की सलाह दी जाती है.