Warm water benefits: पानी पाचन, ब्लड प्रेशर कंट्रोल, वजन मैनेज और हाई एनर्जी लेवल से लेकर स्किन व बालों की सेहत तक हर चीज में मदद करता है. पर्याप्त पानी पीने से हमारे शरीर के कई पार्ट में सुधार किया जा सकता है. पानी को आयुर्वेद में जीवन (जीवन देने वाला), तर्पण (तृप्त करने वाला) और अमृतोपम (अमृत के समान) के रूप में देखा जाता है. हमारी वर्तमान जरूरतों के आधार पर आयुर्वेद इस पर भी सलाह देता है कि पानी कितना गर्म और हर दिन में कितना पानी पीना चाहिए. गर्म पानी कभी-कभी कमरे के तापमान से अधिक फायदेमंद हो सकता है और इसके विपरीत भी.


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आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. रेखा राधमोनी ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की, जिसमें विभिन्न अवसरों के लिए पसंद किए जाने वाले पानी के बारे में बात की गई है. आयुर्वेद में बताया गया है कि गर्म या कमरे के तापमान का पानी कब पीना चाहिए. आइए पहले जानते हैं कि कमरे के तापमान के बराबर पानी कब पीना चाहिए



जब कोई अत्यधिक प्यासा हो या फूड प्वाइजनिंग जैसी बीमारियों से पीड़ित हो, तो गर्म पानी पीने के बजाय कमरे के तापमान का पानी पीना बेहतर होता है. आयुर्वेद के अनुसार, कमरे के तापमान का पानी उबला हुआ पानी होता है जिसे कमरे के तापमान पर ठंडा किया जाता है.


कब पीना चाहिए गर्म पानी?


  • अगर आपको भूख कम लगती है

  • यदि आपके शरीर में कम पाचन फाइबर है

  • अगर आपको गले में दर्द या खराश हो

  • अगर आपको बुखार, खांसी, जुकाम है

  • अगर आपके पिंपल निकले हों

  • अगर आपका पेट फूलता है


आयुर्वेद के अनुसार गर्म पानी पीने से कफ दोष के लक्षण ठीक हो सकते हैं और खाने की इच्छा कम हो सकती है. इसके अतिरिक्त यह पाचन में सुधार और सर्दी व खांसी से राहत दिलाने में मदद करता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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