Effect of everyday sex: क‍िसी भी र‍िलेशनश‍िप में सेक्‍स एक नेचुरल और इंट‍िमेट पहलू है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आप रोजाना सेक्स करते हैं तो इसका आपके शरीर पर क्या असर हो सकता है? इससे जुड़े कई अध्‍ययन र‍िपोर्ट्स के आधार पर ये कहा जा सकता है क‍ि यौन गत‍िव‍िध‍ियां, ना केवल शारीर‍िक, बल्‍क‍ि मानस‍िक और भावनात्‍मक रूप से भी प्रभाव‍ित करती हैं. बार-बार यौन गत‍िव‍िधि‍ या सेक्‍स का शरीर पर क्‍या असर होता है, इस बारे में कम ही बात होती है. 


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एक्‍सपर्ट कहते हैं क‍ि रोजाना सेक्स करने के कई लाभ मिलते हैं, जिसमें हार्ट हेल्‍थ में सुधार, स्‍ट्रेस में कमी आदि शाम‍िल है. इससे पार्टनर के साथ इंट‍िमेसी बढ़ती है, ज‍िससे र‍िश्‍ता मजबूत हो सकता है. इसको एक ऐसे एक्‍सरसाइज के तौर पर देखा जा सकता है, जो मेंटल, फ‍िज‍िकल और साइकोलॉज‍िकल असर डालता है. हालांकि, इसके संभावित कमियों के बारे में भी सचेत रहना जरूरी है. 


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जब रोजाना सेक्स करने के फायदों की बात आती है, तो गाइनेकोलोज‍िस्‍ट और पोस्टपार्टम सपोर्ट इंटरनेशनल पीएसआई यूएसए की इंड‍ियन कोऑर्डिनेटर डॉ. अर्चना न‍िरुला कहती हैं कि रोजाना सेक्‍स से हार्ट रेट और ब्‍लड फ्लो बेहतर होता. इससे द‍िल की सेहत अच्‍छी रहती है. अमेरिकन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाश‍ित एक अध्ययन में पाया गया कि लगातार सेक्स और हृदय रोग के कम जोखिम के बीच संबंध है. 


सेक्सुअल एक्‍ट‍िव‍िटी से शरीर में संक्रमण से लड़ने के लिए आवश्यक इम्युनोग्लोबुलिन बनता है, जो आपके इम्यून स‍िस्‍टम को बेहतर बनाता है. सेक्स के दौरान एंडोर्फिन भी र‍िलीज होता है, जो एक पेन कीलर की तरह काम करता है. ये माइग्रेन और गठिया के कारण होने वाले दर्द को कम कर सकता है. 


डॉ. अर्चना न‍िरुला ने कहा क‍ि रेगुलर सेक्‍सुअल एक्‍ट‍िव‍िटी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत कर सकता है, जो महिलाओं के लिए फायदेमंद है. रेगुलर सेक्‍स से ब्‍लड फ्लो और हार्मोनल बैलेंस बेहतर रहता है. इससे वजाइनल लुब्र‍िकेशन और इलास्‍ट‍िस‍िटी बढती है, ज‍िसका फायदा मेनोपॉज के बाद देखने को म‍िलता है. ऐसी महिलाओं को मेजोपॉज से जुड़ी समस्‍याएं कम परेशान करती हैं. 


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लेकिन कपल्‍स को इससे जुड़ी कम‍ियों के बारे में भी जानना चाह‍िए. जैसे क‍ि डेली सेक्‍स आपके शरीर को ज्‍यादा थका सकता है और इससे फ‍िज‍िकल स्‍ट्रेस बढ सकता है. खासतौर से उन लोगों को जो पहले से क‍िसी हेल्‍थ कंड‍िशन में हैं. अगर आपने साफ सफाई का ध्‍यान नहीं रखा तो इससे यूर‍िनरी ट्रैक इंफेक्‍शन (UTIs) का खतरा बढ सकता है. 


डेली सेक्‍स से मेंटल और इमोशनल हेल्‍थ पर असर :  
डॉ. अर्चना न‍िरुला के अनुसार, सेक्‍सुअल एक्‍ट‍िव‍िटी से ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन निकलते हैं, जो तनाव को कम करते हैं और खुश होने का एहसास कराते हैं. रेगुलर सेक्स से मूड अच्‍छा हो सकता है और सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हार्मोन के कारण ड‍िप्रेशन और स्‍ट्रेस में कमी आ सकती है. हालांक‍ि डॉ. अर्चना ने ये भी कहा क‍ि हर दिन इंटरकोर्स से परफॉर्मेंस प्रेशर बढ सकता है, जो एंजाइटी में बदल सकता है. ये मेंटल हेल्‍थ पर नकारात्‍मक असर डाल सकता है. 


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डेली सेक्‍सुअल एक्‍ट‍िव‍िटी से हार्मोनल चेंज 
रेगुलर सेक्‍सुअल एक्‍ट‍िव‍िटी से शरीर में कुछ हार्मोनल चेंज भी होते हैं. जैसे क‍ि इससे शरीर में ऑक्‍सीटॉस‍िन हार्मोन र‍िलीज होता है, जो एक लव हार्मोन है. इससे पार्टनर के बीच बॉन्‍ड‍िंग बढती है.सेक्‍सुअल एक्‍ट‍िव‍िटी के दौरान एंडोरफिन हार्मोन र‍िलीज होता है, ज‍िससे दर्द कम होता है. इसके अलावा टेस्‍टोस्‍टेरोन हार्मोन र‍िलीज होने से एनर्जी लेवल और ल‍िब‍िडो बढता है.     


रेगुलर सेक्‍सुअल एक्‍ट‍िव‍िटी से से एस्‍ट्रोजेन और प्रोजस्‍टेरॉन भी बढता है. जो मह‍िलाओं में हार्मोल बैलेंस के ल‍िए जरूरी है. ये पीर‍ियड्स हेल्‍थ और मूड ठीक रखने में मदद करता है. 


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पार्टनर के साथ र‍िश्‍ते पर असर : 
डेली सेक्‍स पार्टनर्स के बीच इंट‍िमेसी और इमोशनल कनेक्‍शन बढा सकता है. इससे उनका र‍िश्‍ता और गहरा और मजबूत बन सकता है. इस दौरान उनके बीच हुई कम्‍युन‍िकेशन से उनके बीच की समझ बढती है.  


लेक‍िन इस बात को ध्‍यान रखना जरूरी है क‍ि अगर ये रोजाना रूटीन का ह‍िस्‍सा बन रहा है तो शायद एक्‍साइटमेंट ना रह जाए. इससे कुछ समय के बाद हो सकता है क‍ि पार्टनर द‍िलचस्‍पी ना द‍िखाए. ऐसे में अगर एक पार्टनर सेक्‍सुअल ड‍िजायर नहीं द‍िखाता है तो दोनों के बीच टेंशन आ सकती है.  


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