नई दिल्ली: बीजेपी ने मुंबई के आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के विवादास्पद बयान से किनारा कर लिया है.  बीजेपी ने साध्वी के बयान को उनका निजी बयान बताया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बीजेपी ने एक बयान जारी कर कहा है पार्टी का स्पष्ट मानना है कि हेमंत करकरे आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हुए थे. पार्टी ने उन्हें हमेशा शहीद माना है.  बीजेपी ने कहा कि जहां तक साध्वी प्रज्ञा के इस बयान का विषय है. वह उनका निजी बयान है जो वर्षों तक उनकी हुई शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के कारण दिया गया होगा. 



क्या बयान दिया है प्रज्ञा ठाकुर ने?
बता दें मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी और भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को कहा था कि करकरे ने उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया था इसलिए उनके दिये श्राप की वजह से वह 26-11 के आतंकी हमलों के दौरान मारे गए थे.


प्रज्ञा ने गुरुवार शाम को शहर के लालघाटी क्षेत्र में भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठक में मुंबई एटीएस के दिवंगत प्रमुख का नाम लेते हुए कहा, 'मैं मुंबई जेल में थी उस समय. जांच जो बिठाई थी, सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब सबूत नहीं है तो साध्वीजी को छोड़ दो. सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैरकानूनी है. लेकिन उसने (करकरे) कहा कि मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा.'



साध्वी ने हिरासत के दौरान यातना देने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘इतनी यातनाएं दीं, इतनी गंदी गालियां दीं जो असहनीय थी, मेरे लिए और मेरे लिए नहीं, किसी के लिए भी. मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा. ठीक सवा महीने में सूतक लगता है. जब किसी के यहां मृत्यु होती है या जन्म होता है. जिस दिन मैं गई थी, उस दिन इसके सूतक लग गया था. ठीक सवा महीने में जिस दिन उसको आतंकवादियों ने मारा उस दिन सूतक का अंत हो गया.'