2014 के मुकाबले UP में क्यों रह गई कम सीटें? CM योगी ने 29 मई को बुलाई समीक्षा बैठक
जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में खासतौर से पिछली बार जीती गई सीटों पर मिली हार का विश्लेषण किया जाएगा. इसके बाद सीएम योगी द्वारा यह समीक्षा रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी जाएगी.
लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2019 में भले ही बीजेपी ने अपने दम पर 303 सीटों के साथ सरकार बनाने जा रही है. लेकिन, यूपी की 80 सीटों में उसे वह नतीजे नहीं मिले, जो साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में आए थे. इसी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 29 मई को सबेरे अपने सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग पर बीजेपी संगठन के पदाधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक बुलाई हैं.
जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में खासतौर से पिछली बार जीती गई सीटों पर मिली हार का विश्लेषण किया जाएगा. इसके बाद सीएम योगी द्वारा यह समीक्षा रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को सौंपी जाएगी. सूत्रों के अनुसार बैठक में मुख्यमंत्री के साथ बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ .महेंद्र नाथ पांडेय, महामंत्री संगठन सुनील बंसल और कोर कमेटी के सदस्य डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या और डॉ.दिनेश शर्मा सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
वहीं, उत्तर प्रदेश में बीजेपी की जबरदस्त जीत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में जल्द ही पहला फेरबदल हो सकता है क्योंकि तीन मंत्री लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बन गए है जबकि एक अन्य मंत्री को हटाया गया है.
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पार्टी सूत्रों के मुताबिक योगी सरकार के 2017 के गठन के बाद यह पहला फेरबदल होगा. ऐसी संभावना है कि प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 62 सीटें जीतने पर कुछ मेहनती पार्टी नेताओं को इस फेरबदल में इनाम मिल सकता है. लोकसभा चुनाव में प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल आगरा से, रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद से और सत्यदेव पचौरी कानपुर से जीते है.
हालांकि, उत्तर प्रदेश के एक और मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा आंबेडकर नगर लोकसभा सीट पर बसपा के रितेश पांडेय से 95 हजार वोटों से चुनाव हार गये. इसके अलावा राजग के सहयोगी सुभासपा नेता ओ पी राजभर को भी मुख्यमंत्री ने कैबिनेट से हटा दिया है.