धीरज ठाकुर, पटना : फरवरी के अंतिम या मार्च के पहले सप्ताह में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की रैली होगी. रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सुप्रीमो रामविलास पासवान मौजूद रहेंगे. तीनों दलों के नेताओं के बीच तारीख को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है.


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जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि बिहार में संयुक्त रैली होगी. उन्होंने कहा कि एनडीए में सीटों पर सहमति बन चुकी है. लोजपा से बातचीत अंतिम दौर में है. उसके बाद जेडीयू से बातचीत होगी. केसी त्यागी ने कहा कि संसद सत्र के बाद कौन लोकसभा सीट से किस दल का उम्मीदवार होगा इसकी घोषणा हो जाएगी.


कांग्रेस ने साझा रैली पर पर निशाना साधा है. एमएलसी और पार्टी प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि पिछले चुनाव में नरेन्द्र मोदी ने नीतीश कुमार का डीएनए पूछा था, जवाब में नीतीश कुमार ने बीजेपी को 'बड़का झूठा पार्टी' कहा था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ये जानना चाहती है कि वर्तमान में दोनों नेता एक-दूसरे के बारे में क्या सोचते हैं. साथ ही उन्होंने बीजेपी और जेडीयू के गठबंधन को अवसरवादी करार दिया है.


वहीं रैली पर आरजेडी ने कहा कि नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार कितनी भी रैली कर लें, लेकिन अब दोबारा एनडीए की सरकार नहीं बनने वाली. आरजेडी विधायक शिवचंद्र राम ने कहा है कि किस बात कि रैली होगी? मोदी सरकार 2014 में किए वादे पर खड़ी नहीं उतरी. जनता अब झांसे में आनेवाली नहीं है. 


वैसे तो सरकारी कार्यक्रमों में नरेन्द्र मोदी और नीतीश कुमार कई बार साथ आए हैं, लेकिन बिहार में पहली बार दोनों राजनीतिक रैली में एकसाथ मंच पर होंगे. पिछले हफ्ते प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार कह चुके हैं कि 2019 में नरेन्द्र मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे. फिलहाल रैली कैसे सफल हो इस पर बातचीत हो रही है. अब देखना होगा कि बिहार की जनता इस रैली को कितना सफल बनाती है.