धनबाद : लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी का दामन थामने वाले कीर्ति आजाद धनबाद सीट से चुनाव हार चुके हैं. हार के अंतर पर अगर गौर करें तो यह झारखंड में सर्वाधिक है. उनकी लड़ाई भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता पशुपति नाथ सिंह (पीएन सिंह) से थी. इस चुनाव में पीएन सिंह ने 8,27,234 मत पाकर कांग्रेस के अपने प्रतिद्वंदी को रिकॉर्ड मतों से हराया है.


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पूरे लोकसभा चुनाव में झारखंड में सभी की नजरें धनबाद सीट पर टिकी हुई थीं. वजह थे कीर्ति आजाद. 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के गठन के अगले ही वर्ष उन्हें उनकी पुरानी पार्टी बीजेपी ने निलंबित कर दिया. कारण बना मोदी सरकार में नंबर दो अरुण जेटली के खिलाफ उनका विरोधी तेवर. उनके विरोधी यहां तक कहा करते थे कि सदस्यता गवाने की डर से ही वह बीजेपी में बने रहे और चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस का दामन थामा.



कीर्ति आजाद 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर दरभंगा से लगभग 34 हजार मतों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे. इस चुनाव में बिहार में कांग्रेस, आरजेडी, रालोसपा और हम साथ-साथ चुनाव लड़ रही थी. सीट बंटवारे की घोषणा से पहले लगातार कीर्ति आजाद शत्रुघ्न सिन्हा के उस डायलॉग को दुहराया करते थे कि 'सिचुएशन कुछ भी हो, लोकेशन वहीं रहेगा'. लेकिन सीट शेयरिंग में उनकी दाल नहीं गली और दरभंगा आरजेडी के खाते में चली गई.


दरभंगा सीट कांग्रेस से छिनने के बाद कीर्ति आजाद धनबाद से चुनाव लड़ने के लिए निकल पड़े. शायद उन्हें उम्मीद थी की धनबाद में उन्हें उनके पिता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के राजनीतिक विरासत का फायदा मिलेगा, लेकिन परिस्थिति प्रतिकूल रही.


इस लोकसभा चुनाव में धनबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार कीर्ति आजाद को महज 341040 वोट मिले, जो कि कुल मतदान का 27.22 प्रतिशत है. वह कुल 4,86,194 के रिकॉर्ड मतों से चुनाव हार गए. बीजेपी प्रत्याशियों के जीत के अंतर पर अगर गौर करें तो झारखंड में यह सर्वाधिक है. इसके बाद हजारीबाग लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी जयंत सिन्हा ने कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल साहू को 4,79,548 मतों से हराया है.