नई दिल्‍ली: उत्‍तराखंड का गढ़वाल संसदीय क्षेत्र बीते दो दशकों से बीजेपी का मजबूत गढ़ रहा है.  उत्‍तराखंड के पूर्व मुख्‍यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी यहां से बीजेपी का चेहरा रहे हैं. खंडूरी न केवल यहां से वर्तमान सांसद हैं, बल्कि चार बार संसद में गढ़वाल संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्‍व कर चुके हैं. फिलहाल, इस संसदीय क्षेत्र के चुनावी समीकरण बेहद उलझे हुए हैं. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले भुवन चंद्र खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी ने बीजेपी से इस्‍तीफा देकर कांग्रेस ज्‍वाइन कर ली थी. कांग्रेस ने मनीष खंडूरी को इस बार गढ़वाल संसदीय सीट से अपना प्रत्‍याशी बनाया है. वहीं, कांग्रेस से बेटे की दावेदारी के बाद भुनव सिंह खंडूरी का टिकट काटकर बीजेपी ने इस बार तीरथ नाथ रावत को अपना उम्‍मीदवार बनाया है. 11 अप्रैल को इस संसदीय सीट पर मतदान हो चुका है. अब 23 मई को फैसला होगा कि गढ़वाल संसदीय सीट का प्रतिनिधित्‍व मनीष खंडूरी के हाथों में होगा या तीरथ नाथ रावत बीजेपी के इस गढ़ को बचाने में एक बार फिर कामयाब हो जाते हैं.  


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चुनाव दर चुनाव बदलता रहा है मतदाताओं का रुझान
गढ़वाल संसदीय सीट पर पहला चुनाव 1951 में हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस के भक्‍त दर्शन ने जीत हासिल की थी. भक्‍त सिंह गढ़वाल सीट से लगातार 1957, 1962 और 1967 का चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे. 1971 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ही प्रताप सिंह नेगी गढ़वाल संसदीय सीट से सांसद चुने गए. वहीं आपातकाल के बाद, 1977 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस विरोधी लहर के चलते कांग्रेस को यहां से हार का सामना करना पड़ा और जनता पार्टी के जगन्‍नाथ शर्मा सांसद चुने गए. 1980 के लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी (स) के हेमवती नंदन बहुगुणा सांसद चुने गए. 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर अपनी वापसी की और इंदिरा कांग्रेस की टिकट पर चंद्र मोहर सिंह नेगी ने चुनाव में जीत दर्ज की.


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1991 में बीजेपी ने पहली बार गढ़वाल संसदीय सीट पर दर्ज की जीत
चंद्र मोहन सिंह नेगी 1989 के चुनाव में जनता दल टिकट पर लड़कर अपनी सांसदी बरकरार रखी. 1991 के 10वें लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पहली बार गढ़वाल से जीत दर्ज की. इस चुनाव में भुवन सिंह खंडूरी पहली बार बीजेपी के सांसद बने. 1996 के चुनाव में कांग्रेस के सतपाल महाराज सांसद चुने गए. 1998 के लोकसभा चुनाव में भुवन सिंह खंडूरी ने एक बार फिर अपनी वापसी की और लगातार 2007 तक वे यहां से सांसद रहे. 2007 के उपचुनाव में बीजेपी के तेजपाल सिंह रावत यहां से चुनाव जीते. यह बात दीगर है कि 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के सतपाल महाराज को गढ़वाल से सांसद चुना गया. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर भुवन चंद्र खंडूरी पर अपना दाव खेला. बीजेपी का यह दांव सफर रहा.


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1.84 लाख वोटों के अंतर से जीते थे बीजेपी के भुवन चंद्र खंडूरी
2014 के लोकसभा चुनाव में उत्‍तराखंड की गढ़वाल संसदीय सीट से 10 उम्‍मीदवारों ने दावेदारी पेश की थी. इस चुनाव में बीजेपी के भुवन चंद्र खंडूरी ने 405690 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी. वहीं इस चुनाव में दूसरे पायदान पर कांग्रेस के हरक सिंह रावत रहे थे. हरक सिंह रावत को इस चुनाव में 221164 वोट मिले थे. इस चुनाव में 8659 मतदाता ऐसे भी थे, जिन्‍होंने नोटा का बटन दबाया था. इस चुनाव में 6 प्रत्‍याशियों को एक फीसदी से भी कम वोट हासिल हुए थे. 


गढ़वाल संसदीय सीट से कब-कब कौन रहा सांसद 


1952 - 1957  भक्त दर्शन  कांग्रेस
1957 - 1962  भक्त दर्शन  कांग्रेस
1962 - 1967  भक्त दर्शन  कांग्रेस
1967 - 1971  भक्त दर्शन  कांग्रेस
1971 - 1977  प्रताप सिंह नेगी  कांग्रेस
1977 - 1980  जगन्नाथ शर्मा  जपा
1980 - 1984  हेमवती नंदन बहुगुणा  जपा(स)
1984 - 1989  चंद्र मोहन सिंह नेगी  कांग्रेस(इ)
1989 - 1991  चंद्र मोहन सिंह नेगी  जद
1991 - 1996  भुवन चंद्र खंडूरी  भाजपा
1996 - 1998  सतपाल महाराज  कांग्रेस(ति)
1998 - 1999  भुवन चंद्र खंडूरी  भाजपा
1999 - 2004  भुवन चंद्र खंडूरी  भाजपा
2004 - 2007  भुवन चंद्र खंडूरी  भाजपा
2007 - 2009  तेजपाल सिंह रावत  भाजपा
2009 - 2014  सतपाल महाराज  कांग्रेस
2014 -2019  भुवन चंद्र खंडूरी  भाजपा