नई दिल्लीः रीवा और सीधी के अलावा मध्य प्रदेश की शहडोल लोकसभा सीट भी विंध्य क्षेत्र का अहम हिस्सा है. अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित इस सीट पर फिलहाल बीजेपी का कब्जा है और ज्ञान सिंह यहां के सांसद हैं. बता दें 2014 के लोकसभा चुनाव में शहडोल लोकसभा सीट से बीजेपी के दलपत सिंह परस्ते सांसद चुने गए थे, लेकिन ब्रेन हेमरेज की वजह से उनका निधन हो जाने के बाद 2016 में हुए उपचुनाव में बीजेपी के ही ज्ञान सिंह सांसद बने. ज्ञान सिंह ने कांग्रेस की हिमाद्री सिंह को हराकर शहडोल लोकसभा क्षेत्र में विजय हासिल की थी. सांसद ज्ञान सिंह इससे पहले भी इस सीट से जीत कर लोकसभा पहुंच चुके हैं.


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राजनीतिक इतिहास
अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित शहडोल लोकसभा सीट पर पहली बार 1957 में चुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस के कमल नारायण सिंह को जीत मिली. इसके बाद 1962 में सोशलिस्ट पार्टी, 1967 में कांग्रेस, 1971 में निर्दलीय प्रत्याशी धानशाह प्रधान, 1977 में भारतीय लोकदल तो 1989 में यहां जनता दल को विजय प्राप्त हुई. 


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1991 में यहां फिर कांग्रेस को जीत मिली, लेकिन 1996 में यहां बीजेपी प्रत्याशी ज्ञान सिंह जीत मिली और उसके बाद 1996, 1998, 1999 और 2004 के चुनाव में बीजेपी ही जीतती रही. 2009 में यहां कांग्रेस ने वापसी की, लेकिन फिर 2014 के चुनाव में बीजेपी ने जीत का परचम लहराया और 2016 के उपचुनाव में भी भाजपा प्रत्याशी ज्ञान सिंह विजयी रहे.



2014 लोकसभा चुनाव नतीजे
2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के दलपत सिंह को जीत मिली. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राजेश सिंह को 2,41,301 वोटों के अंतर से हराया था. दलपत सिंह को 5,25,419 तो कांग्रेस के राजेश सिंह को 2,84,118 वोट मिले थे.


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सांसद का रिपोर्ट कार्ड
सांसद ज्ञान सिंह को उनके निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए 15.15 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे, जिसमें से उन्होंने 11.35 करोड़ खर्च कर दिए और करीब 3.80 करोड़ राशि बिना खर्च किए रह गई. इसके अलावा संसद में उनकी उपस्थिति 53 प्रतिशत रही.


मतदाता संख्या
2014 की मतगणना के मुताबिक शहडोल में कुल वोटर्स की संख्या 15,61,321 है, जिनमें से 7,54,376 महिला मतदाता और 8,06,945 पुरुष मतदाता हैं. बता दें 2014 के लोकसभा चुनाव में शहडोल में कुल  62.03 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.