नई दिल्‍ली: लोकसभा चुनाव 2019 में सत्‍ता की चाभी किसके हाथ लगेगी, इसका फैसला मतदाताओं ने करना शुरू कर दिया है. 11 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत 20 राज्‍यों की 90 संसदीय सीटों के मतदाताओं ने अपना फैसला ईवीएम में सुरक्षित कर दिया है. गुरुवार को देश की जिन 90 संसदीय सीटों में मतदान हुआ है, उसमें एक सीट नोएडा की भी है. जहां भाजपा से डॉ महेश शर्मा, गठबंधन से सतवीर नागर और कांग्रेस से डॉ अरविंद सिंह चुनावी अखाड़े में हैं. अब चुनावी अखाड़े में मतदाता किसको जीत का सेहरा बांधते हैं, इसका फैसला 23 मई को होगा. फिलहाल, नोएडा संससदीय क्षेत्र में हो रहे मतदान का हाल जानने के लिए जी न्‍यूज डिजिटल की टीम ने कुछ बूथों का दौरा किया. आइए आपको बताते हैं कि नोएडा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इन पोलिंग बूथों में क्‍या माहौल था.


नोएडा सेक्‍टर 39 में मताधिकार करने पहुंचे मतदाताओं के कारों की कतार. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जी-न्‍यूज डिजिटल ने अपने सफर की शुरूआत नोएडा सेक्‍टर 39 से की. अमूमन कहा जाता है कि शहरी क्षेत्र के एक खास वर्ग का मतदाता मतदान के प्रति अधिक जागरूक नहीं है. यह भी कहा जाता है कि इस वर्ग का मतदाता मतदान के दिन परिवार के साथ छुट्टी मनाना ज्‍यादा पसंद करता है. हालांकि जब हम नोएडा सेक्‍टर 39 के पोलिंग बूथ पर पहुंचे तो देखा कि मतदान केंद्र के बाहर पार्क कारों की कतार बहुत लंबी थी. मतदान केंद्र में कारों के पहुंचने का सिलसिला जारी था और कार की लगभग सभी सीटें फुल थी. कुछ यही हाल, नोएडा से ग्रेटर नोएडा के बीच स्थिति अन्‍य मतदान केंद्रों का था. आज मतदान करने वालों में बुजुर्ग नागरिकों के साथ नौजवानों की बराबरी से भागीदारी थी. ग्रामीण इलाकों में चिलचिलाती धूप के बावजूद भारी संख्‍या में लोग मतदान करने पहुंचे थे. लगभग सभी मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें लगी हुईं थीं.


हानीपुर गांव में मतदान के लिए लगी कतारें

नोएडा के सेक्‍टर 39 के बाद हम हानीपुर गांव पहुंचे. यहां एक बुजुर्ग मतदान केंद्र के बाद अपनी पत्‍नी का इंतजार कर रहे थे. पत्‍नी के बाहर निकलते ही बुजुर्ग पति ने पूछा कि किसको वोट दिया. एक प्रत्‍याशी का नाम लेते हुए उन्‍होंने कहा कि **** को ही वोट दिया है ना. पत्‍नी ने जवाब दिया कि मुझे नहीं मालूम. मैं तो **** का बटन दबाकर चली आई हूं. इस पर बुजुर्ग ने दोहराया कि नाम भी नहीं पढ़ा तुमने. पत्‍नी ने जवाब दिया कि मुझे सिर्फ चुनाव चिन्‍ह पता है, मैं उसी का दबाकर चली आई. इस मतदान केंद्र में हमने देखा कि चिलचिलाती धूप से बचने के लिए छाता लगाए लोग पैदल मतदान केंद्र की तरफ चले आ रहे हैं. तो कुछ लोग अपनी कार, ऑटो या बाइक से मतदान केंद्र पहुंच रहे हैं. यहां मतदान करने वालों में हर उम्र के लोग बढ़ चढ़ कर पहुंच रहे थे. 


नोएडा के इस बुजुर्ग दंपत‍ि ने भी किया अपने मताधिकार का प्रयोग. 

हानीपुर गांव के बाद हमले अपना रुख नोएडा के ही सेक्‍टर 49 की तरफ किया. यहां मतदान के लिए मतदाताओं की लंबी कतारें लगी हुई थी. जब हमने कुछ मतदाताओं से हार और जीत का रुख पूछने की कोशिश की, तो उन्‍होंने अपने मत को पूरी तरह से गुप्‍त रखा. हालांकि उन्‍होंने यह जरूर कहा कि हमारे लिए देश की संवृद्धि सर्वोपरि है, लेकिन जब तक नौजवानों का भविष्‍य अच्‍छा नहीं होगा, तब हम देश को संवृद्ध कैसे बना सकते हैं. इस दौरान बहुत से लोग ऐसे भी थे जो खुद को किसी राजनैतिक दल से जुड़ा हुआ नहीं दिखाना चाहते थे. लिहाजा, वे मतदान के लिए पर्ची लेने के लिए चुनाव आयोग के बूथ में पहुंच रहे थे, न की किसी राजैनतिक दल द्वारा लगाए गए पोलिंग बूथ पर.