हजारीबाग: 2000 में बिहार से अलग होने के बाद रांची, झारखंड की राजधानी बनी. देशभर में 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों को लेकर केंद्र और विपक्ष दोनों ही अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. एक ओर जहां सत्ता पर काबिज बीजेपी 2014 की शानदार जीत को दोहराना चाहती है तो वहीं, दूसरी ओर विपक्ष भी बीजेपी को केंद्र से हटाने में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ना चाहता है. जिसके चलते केंद्र से लेकर राज्यों तक की राजनीति गरमाई हुई है


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हजारीबाग से फिलहाल बीजेपी से जयंत सिन्हा सांसद हैं.  2014 के लोकसभा चुनाव में जयंत सिन्हा ने कांग्रेस के सौरभ नारायण सिंह को 159128 मतों हराया था. साल 2004 से लेकर अब तक तीन लोकसभा चुनावों को देखा जाए तो 67 प्रतिशत बार बीजेपी ने बाजी मारी है और बाकी के 33 प्रतिशत जीत का हिस्सा कम्युनिस्ट पार्टी को जाता है.


अगर झारखंड की बात करें तो खूबसूरत पर्यटक स्थलों से भरा हजारीबाग झारखंड में स्थित है. हजारीबाग का अर्थ है हजार बागों वाला. हजारीबाग में नक्सलवादी उग्रवादी संगठन सक्रीय हैं. ऐतिहासिक रूप से हजारीबाग एक अहम स्थान है. यह क्षेत्र वर्ष 2000 से पहले बिहार का एक हिस्सा हुआ करता था. प्राकृतिक सम्पदा से भरपूर इस इलाके का प्रमुख खनिज है कोयला. और कोयले की खदानों में कार्य करना ही यहाँ के लोगों की जीविका का मुख्य साधन है.


प्रशासनिक तौर पर इस जिले के अंतर्गत 16 मण्डल और 5 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र आते हैं. इस जिले को दो सब डिवीज़न में बांटा गया है - हजारीबाग और बरही. हजारीबाग के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र हैं बरही, बड़कागांव , रामगढ़, मांडू और हजारीबाग. चूंकि इस क्षेत्र में नक्सलवादी संगठन सक्रिय हैं इसलिए यहां की राजनीति पर भी माओवादियों और मार्क्सवादियों का पूरा असर दिखता है.


देखने वाली बात होगी कि हजारीबाग में कौन सी पार्टी बाजी मार ले जाता है. जीत की राह किसी भी पार्टी के लिए आसान नहीं होगी और सभी राजनीतिक पार्टी पहले ही इस कोशिश में लग चुकी है.