नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) में अभी तक 6 चरणों की वोटिंग हो गई है. सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. बीजेपी को जहां देश में पीएम मोदी के सत्ता में वापसी की उम्मीद है वहीं मोदी विरोधियो के खेमे में लगातार एकजुटाता दिखाने की अलग अलग कवायद देखने को मिल रही है. लेकिन अभी भी विपक्षी दलों में एक राय नहीं दिख रही है.ताजा मतभेद विपक्षी दलों की बैठक को लेकर सामने आया है. कुछ दिन पहले खबर आई थी कि 21 मई को तेलुगू देशम पार्टी के प्रमुख और आंंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व में सभी विपक्षी पार्टियों की दिल्ली में बैठक होनी है. लेकिन अब ऐसी खबर है कि यह बैठक चुनाव नतीजों वाले दिन ही होगी.


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दरअसल 21 तारीख को विपक्षी दलों की बैठक का प्रस्ताव नायडू द्वारा आया था लेकिन ज्यादातर विपक्षी दलों की इस बैठक को 23 मई को चुनाव नतीजों के बाद बुलाने को कहा है.



फ़िलहाल ये बैठक प्रस्तावित थी. चंद्रबाबू नायडू ने इस सिलसिले में सबसे पहले राहुल गांधी और फिर ममता बनर्जी से मुलाक़ात कर ये प्रस्ताव रखा था. लेकिन ममता ने साफतौर पर ये कहकर आने से मना किया कि नतीजों से पहले बैठकर क्या फायदा?


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बता दें कि चंद्रबाबू नायडू ने इस सिलसिले में फोन पर बाकी पार्टी के नेताओं से संपर्क साधा था. नायडू की तरफ से दावा किया गया था कि इस बैठक में कुल 22 विपक्षी दल भाग लेंगे. सूत्रों की माने तो अब ये बैठक 23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीज़े आने के बाद ही होगी.