नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बुरी तरह हुई हार के बाद इस्तीफे पर अड़े पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को मनाने के लिए मंगलवार को एक बार फिर पार्टी के कई नेता पहुंचे, लेकिन आज भी कोई निर्णय नहीं निकला. सूत्रों के हवाले से खबर है कि राहुल गांधी अपने निर्णय पर कायम है और उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं से कहा है कि वह एक महीने के अंदर उनका कोई विकल्प तलाशें. ऐसा बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी भी राहुल गांधी के अडिग निर्णय को लेकर वेट एंड वाच की पोजिशन पर है. कांग्रेस की कोर टीम को अभी भी उम्मीद है राहुल गांधी मान जाएंगे.


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परिवारवाद के आरोपों से आहत राहुल गांधी ने मंगलवार को पार्टी नेताओं से यह भी कहा है कि प्रिंयका गांधी वाड्रा को पार्टी के इन निर्णयों से दूर रखा जाए. सूत्रों के हवाले से खबर है कि जहां तक पार्टी संगठन में बदलाव की बात है उसमें पार्टी किसी तरह का फिलहाल कोई बदलाव नहीं करना चाहती है. लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी अपने सत्ताधारी राज्यों में कुछ संगठनात्मक बदलाव ला सकती है.



बता दें कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के कारण राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े रहने और राजस्थान में पार्टी के सफाए को लेकर राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों की ओर से जवाबदेही तय करने की मांग की पृष्ठभूमि में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मंगलवार को राहुल से उनके आवास पर मुलाकात की.


सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी से इन नेताओं की मुलाकात मुख्य रूप से राजस्थान के संदर्भ में थी जहां लोकसभा चुनाव में पार्टी का पूरी तरह सफाया हो गया है. कांग्रेस अध्यक्ष के आवास 12, तुगलक लेन पर सबसे पहले प्रियंका पहुंचीं. इसके बाद केसी वेणुगोपाल, मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला और पायलट पहुंचे. कुछ देर के बाद सुरजेवाला और पायलट वहां से चले गए. फिर गहलोत राहुल के आवास पहुंचे.


सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी से मुलाकात से पहले गहलोत ने अलग से प्रियंका से मुलाकात की थी. गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में लोकसभा चुनाव में राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी के सफाये को लेकर विशेष रूप से नाराजगी जताई थी.



सूत्रों के हवाले से आई खबरों के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम सहित कुछ बड़े क्षेत्रीय नेताओं का उल्लेख करते हुए कहा था कि इन नेताओं ने बेटों-रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए जिद की और उन्हीं को चुनाव जिताने में लगे रहे और दूसरे स्थानों पर ध्यान नहीं दिया. इसी बैठक में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी. हालांकि सीडब्ल्यूसी ने प्रस्ताव पारित कर इसे सर्वसम्मति से खारिज कर दिया और पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए उन्हें अधिकृत किया.


(इनपुट एजेंसी भाषा से भी)