लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कई अवकाश प्राप्त और वीआरएस ले चुके ब्यूरोक्रेट और टेक्नोक्रेट अफसरशाही की पारी खेलने के बाद अब सियासी पारी खेलने की तैयारी कर रहे हैं. इस बार चुनावों में ऐसे कई अफसर अलग-अलग लोकसभा सीट से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. 


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इनमें पूर्व आईएएस, पीसीएस से लेकर पुलिस अधिकारी और इंजीनियर भी शामिल हैं. पहले भी कई नौकरशाह उप्र के चुनाव मैदान में उतर चुके हैं लेकिन केवल पूर्व आईएएस पी एल पुनिया को ही कांग्रेस के टिकट पर 2009 में सांसद बनने में सफलता मिली है. इस बार चुनाव में उन्होंने अपने बेटे तनुज पुनिया को बाराबंकी से कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतारा है. 


वैसे उप्र से महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी, पूर्व पुलिस कमिश्नर, मुंबई सत्यपाल सिंह 2014 के चुनाव में उप्र की बागपत सीट से चुनाव जीत कर केंद्र में मंत्री बने थे. इस चुनाव में सिंह एक बार फिर बागपत से ही किस्मत आजमा रहे हैं.


आईपीएस से वीआरएस लेकर कांग्रेस में शामिल हुए कुश सौरभ को कांग्रेस ने बासगांव से टिकट दिया है. कुश ने जनवरी में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी और कांग्रेस महासचिव गुलामनबी आजाद और प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली थी.


 



रिटायर्ड पीसीएस अधिकारी श्याम सिंह यादव भी इस बार के लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. उन्हें बसपा ने जौनपुर लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. श्याम सिंह यादव 1982 में पीसीएस अफसर बने. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में उन्होंने एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट, एडीएम और नगर विकास आयुक्त पद पर काम किया.


बसपा ने एक और रिटायर्ड मुख्य अभियंता त्रिभुवन राम को मछलीशहर लोकसभा सीट से टिकट दिया है. बीएचयू आईटी के छात्र रहे त्रिभुवन राम (टी राम) पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता पद से 2011 में वीआरएस लेने के बाद बसपा की राजनीति में सक्रिय हुए. 2012 के विधानसभा चुनावों में वह अजगरा वाराणसी विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. 


1979 बैच के आईएएस अधिकारी विजय शंकर पांडे भी इस बार अयोध्या (फैजाबाद) लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. सेवानिवृत्त हो चुके विजय शंकर पांडे नवगठित दल लोक गठबंधन पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उप्र सरकार में कई अहम पदों पर रहे पांडे फैजाबाद के डीएम भी रह चुके हैं. वह केन्द्र सरकार में सचिव पद पर भी रहे हैं.


एक अन्य सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी राम बहादुर गोंडा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. गोंडा की सीट सपा के कोटे में चले जाने के कारण नागरिकता एकता पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है. गोंडा के डीएम रहे राम बहादुर 2014 में बसपा के टिकट पर मोहनलालगंज से चुनाव लड़े थे.


पूर्व आईआरएस और आयकर आयुक्त रहीं प्रीता हरित आगरा से कांग्रेस उम्मीदवार हैं. कांग्रेस में आने से पहले प्रीता हरित मेरठ में आयकर आयुक्त थीं. उनका मुकाबला भाजपा के एसपी सिंह बघेल और गठबंधन प्रत्याशी मनोज सोनी से है . इनके चुनाव क्षेत्र आगरा में दूसरे चरण में गुरुवार को मतदान हो चुका है .