जयपुर: भारतीय जनता पार्टी राजस्थान में लोकसभा चुनाव 2019 में जीत दर्ज करने के पुख्ता रणनीति बना चुकी है. राज्य के सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को 23 सूत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत निर्देश जारी किया गया है. पार्टी का मानना है कि अगर इन 23 बिंदुओं पर पुख्ता तरीके से काम कर लिया गया, तो फिर राज्य में लोकसभा चुनाव में उतरे बीजेपी प्रत्याशियों की जीत को कोई नहीं रोक सकता.


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राजस्थान बीजेपी के रणनीतिकार नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने के लिए सबसे अहम कड़ी बीजेपी के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं को साथ में लेकर चलने के लिए इस तरह की कवायद काम कर रहे हैं. जिसके लिए बैठकों और सभाओं में कार्यकर्ताओं के साथ तय रणनीति के अनुसार संवाद किया जा रहा है. बीजेपी पदाधिकारियों का मानना है कि अगर कार्यकर्ताओं को साथ लिए बगैर चुनावी जीत कतई पक्की नहीं हो सकती. 



नरेंद्र मोदी एप के जरीए आम लोगों को जोड़ने की पहल
इन 23 बिंदुओं में भी पहला काम नरेंद्र मोदी एप से मोदी से जुड़ी हर सूचना और कार्यक्रम जनता तक पहुंचाना है. इस एप्प को समर्थकों, कार्यकर्ताओं और आम लोगों के मोबाइल फोन में डाउनलोड कराने का निर्देश जारी किया गया है.  


बांटी गई है जिम्मेदारी
मंडल स्तर के संगठन और मोर्चा पदाधिकारी को 5 बूथों की जिम्मेदारी दी गई है. जिसमें पार्टी की सदस्यता सूची को वेरीफाई करने के अलावा उसको अपडेट करना शामिल है.  इसके अलावा पिछले दो लोकसभा और दो विधानसभा चुनाव के आंकड़ों की स्टडी करके बूथवार वोटर को टारगेट करना भी शामिल है. इसके साथ ही मंडल स्तर पर सभी बूथों का ग्रेडेशन करने के लिए कहा गया है. ग्रेडिंग के बाद कार्यकर्ताओं को बूथों की जिम्मेदारी देनी है, जिसमें कार्यकर्ता को 'डी' और पदाधिकारियों को 'सी' कैटेगिरी दी जाएगी. जिसके बाद बूथ को 'डी' से 'सी', 'सी' से 'बी' और 'बी' से 'ए' कैटेगरी में कन्वर्ट किया जाएगा. 


सामाजिक संरचना के आधार पर बनेगी बूथ समितियां
क्षेत्र की सामाजिक संरचना के मुताबिक बूथ समितियां बनाने का निर्देश जारी किया गया. जिसमें हर बूथ पर 20 नए सदस्यों को जोड़ने का भी लक्ष्य निर्धारित है. बूथ समितियों में एससी, एसटी और ओबीसी तबके से आने वाले कार्यकर्ताओं को तरजीह देने को कहा गया है. इसके साथ ही हर पोलिंग बूथ पर दो से तीन सक्रिय कार्यकर्ताओं को भी रखने का निर्देश दिया गया है. 


इनसे करना है संपर्क
बूथ सदस्यों की मोबाइल नंबर के साथ एक लिस्ट तैयार करने के अलावा संघ परिवार, सेल्फ हेल्प ग्रुप, स्थानीय एनजीओ के लोगों से संपर्क कर पार्टी से जोड़ने का टास्क भी कार्यकर्ताओं को दिया गया है. इसके अलावा मठों, मंदिरों, आश्रम के प्रमुखों और पुजारियों से भी संपर्क करने का निर्देश जारी किया गया है.