क्या आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस छीन लेगी आपकी भी जॉब? इन 10 नौकरियों पर मंडरा रहा सबसे ज्यादा खतरा
Artificial Intelligence Impact on Jobs: बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने बिजनेस की ग्रोथ के लिए एआई का इस्तेमाल कर रही हैं. एआई कम समय में ज्यादा तेजी से काम कर सकता है. एआई में तरक्की होने से कई सेक्टर में नौकरियों पर खतरा है.
Artificial Intelligence Impact on Jobs: कई ऐसे काम हैं जो एआई काफी तेजी से कम समय में पूरे कर रहा है, जिसके कारण आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) का प्रभाव पूरी दुनिया में तेजी से हो रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के तेजी से बढ़ रहे चलन के कारण लोगों की नौकरियों पर खतरा मंडराने की आशंका भी जताई जा रही है, क्योंकि अब ज्यादातर कामों में एआई का इस्तेमाल हो रहा है. हाल ही में एआई पर इनवेस्टमेंट बैंक Goldman Sachs की एक रिपोर्ट जारी हुई थी. आइए जानते हैं क्या है इस रिपोर्ट में.
इनवेस्टमेंट बैंक Goldman Sachs की रिपोर्ट में क्या है?
इनवेस्टमेंट बैंक Goldman Sachs की इस रिपोर्ट के मुताबिक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कारण दुनियाभर में 30 करोड़ नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है. ये अमेरिका और यूरोप में एक चौथाई तरह के काम कर सकता है. एक्सपर्ट्स की मानें तो एआई इंसानों से बेहतर रूप से काम कर सकता है. एआई से गलतियों की गुंजाइश भी काफी कम है, जिसका खामियाजा आने वाले वक्त में कई सेक्टर्स को भुगतना पड़ेगा.
नई जॉब्स की भी हैं संभावनाएं
वहीं, एक अच्छी खबर ये भी है कि इससे नई तरह की नौकरियां मिलने की संभावनाएं भी पैदा होंगी और प्रोडक्टिविटी में तेजी से उछाल आ सकता है. इस रिपोर्ट के मुताबिक खासकर जेनरेटिव एआई बहुत क्रांतिकारी है, जो इंसान की तरह कंटेंट क्रिएट कर सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक इन सेक्टरों में नौकरियां जाने की ज्यादा संभावना है.
ये हैं वो नौकरियां हैं जिन पर एआई का सबसे ज्यादा है खतरा
सॉफ्टवेयर डेवलेपर्स की नौकरी को एआई से खतरा हो सकता है
ग्राफिक डिजाइनिंग के क्षेत्र में भी नौकरियां प्रभावित हो सकती हैं.
लीगल एंड अकाउंटिंग सर्विस
फाइनेंस की फील्ड में
मीडिया के क्षेत्र में एआई की मार सबसे ज्यादा पड़ सकती है.
मार्केट रिसर्च एंड एनालिसिस
एचआर रिक्रूटमेंट
एजुकेशन के क्षेत्र में एआई तेजी से और बेहतर काम करने में सक्षम है.
ट्रांसलेटर और कस्टमर सर्विस
सैलरी पर पडे़गा असर
जॉब्स पर मंडराने वाले खतरे के साथ ही एक्सपर्ट्स ने एआई से सैलरी कम होने का भी अंदेशा जताया है. जैसे जीपीएस टेक्नोलॉजी और उबर के आने से ड्राइवरों की सैलरी में 10 फीसदी तक कमी आई है. इसी तरह का असर आने वाले वर्षों में दूसरे सेक्टर्स में देखने को मिल सकता है.