New Labour Rule: देश के श्रम कानूनों में बदलाव होने जा रहा है. देश की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए और कर्मचारियों को अच्छा वर्कप्लेस उपलब्ध करवाने के लिए लेबर कोड में बदलाव किया जा रहा है. कई केंद्रशासित प्रदेश और राज्यों में नए लेबर कोड के मुताबिक नियम लागू भी हो गए हैं. 31 से ज्यादा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में नया लेबर कोड अपनाया जा चुका है. आइए जानते हैं कि लेबर कोड में क्या बदलाव किए गए हैं और इनसे क्या फायदा होगा. 


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3 दिन की छुट्टी, 4 दिन काम


नए लेबर कोड के मुताबिक कर्मचारियों से हफ्ते में 4 दिन ही काम करवाया जाएगा. हालांकि हफ्ते में कुल 48 घंटे का काम करना होगा. यानी कि इससे डेली वर्किंग आवर में बढ़ोतरी हो जाएगी. अब रोजाना 12 घंटे काम करना होगा. इसमें रोज कुल 1 घंटे का ब्रेक का टाइम भी रहेगा. 


6 महीने में मिलेगी लंबी छुट्टी


अब तक ये नियम था कि अगर किसी कर्मचारी को किसी वजह से लंबी छुट्टी लेनी है तो उसे साल भर में 240 दिन काम करना जरूरी है. नए नियमों में छुट्टी के लिए काम के मिनीमम दिनों को घटाकर 180 करने की बात की जा रही है. यानी कि अगर आपको काम करते हुए 6 महीने हो गए हों तो आप लंबी छुट्टी के लिए अप्लाई कर सकते हैं. 


नाइट शिफ्ट में काम नहीं करेंगी महिलाएं


नए लेबर कोड में महिलाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. नियमों के मुताबिक अब कोई कंपनी अपनी जरूरत का बहाना देकर महिलाओं से नाइट शिफ्ट में काम नहीं करवा सकेगी. अगर किसी महिला की सहमति हो, वह नाइट शिफ्ट में कम्फर्टेबल हो तो ही नाइट ड्यूटी लगाई जा सकती है. 


सैलरी के नियमों बदलाव


सैलरी के नियमों में भी बदलाव की बात चल रही है. कर्मचारियों की इन हैंड सैलरी में भी बदलाव होगा. इस कोड के बाद में पीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा, जिससे उन्हें रिटायरमेंट पर ज्यादा फायदा मिलेगा. इसके अलावा ग्रेच्युटी की रकम मिलने के नियमों में भी बदलाव किया जाएगा. जहां अब तक 5 साल काम करने वाले को ही ग्रेच्युटी पाने का अधिकार था, तो वहीं अब से 1 साल नौकरी करने वाले भी ग्रेच्युटी पा सकेंगे. 


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