एयरपोर्ट के करीब रहने वाले लोगों में हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा, रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा!
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एयरपोर्ट के करीब रहने वाले लोगों में हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा, रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा!

हाल ही में हुई एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि एयरपोर्ट के आसपास रहने वाले लोगों में हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बाकी लोगों के मुकाबले कहीं ज्यादा होता है.

एयरपोर्ट के करीब रहने वाले लोगों में हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा, रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा!

अगर आपका घर एयरपोर्ट के करीब है, तो यह खबर आपको सतर्क कर सकती है. हाल ही में हुई एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि एयरपोर्ट के आसपास रहने वाले लोगों में हार्ट अटैक और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बाकी लोगों के मुकाबले कहीं ज्यादा होता है. इसका कारण है लगातार होने वाला तेज शोर और वायु प्रदूषण, जो धीरे-धीरे दिल पर बुरा असर डालता है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह खतरा केवल उम्रदराज़ लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि युवा भी इसकी चपेट में आ सकते हैं.

यह रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड द्वारा की गई, जिसमें यह पाया गया कि एयरपोर्ट के आसपास रहने वाले लोगों के शरीर पर हानिकारक शोर और प्रदूषण का गंभीर असर होता है. लगातार तेज आवाज़ें, जैसे हवाई जहाज के उड़ने और लैंड करने की आवाज और एयरपोर्ट से जुड़े यातायात से उत्पन्न ध्वनि प्रदूषण, लोगों के दिल पर सीधा प्रभाव डालता है. विशेषज्ञों का कहना है कि 24 घंटे तक लगातार शोर में रहने से इंसान का शरीर तनावग्रस्त हो जाता है. इससे ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और दिल पर दबाव पड़ता है. लंबे समय तक यह स्थिति हार्ट अटैक की वजह बन सकती है.

वायु प्रदूषण भी बनता है खतरा
एयरपोर्ट के पास रहने वालों को सिर्फ ध्वनि प्रदूषण ही नहीं, बल्कि वायु प्रदूषण का भी सामना करना पड़ता है. हवाई जहाजों के इंजन से निकलने वाला धुआं और आसपास का ट्रैफिक, हवा को जहरीला बना देता है. यह जहरीली हवा फेफड़ों और दिल दोनों के लिए खतरनाक है. लंबे समय तक ऐसी हवा में रहने से शरीर की इम्यूनिटी कम होती है और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

रिसर्च में शामिल आंकड़े
इस अध्ययन में हजारों लोगों की सेहत पर नजर रखी गई और एयरपोर्ट के पास और दूर रहने वाले लोगों के बीच तुलना की गई. नतीजों में सामने आया कि जो लोग एयरपोर्ट से 10 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं, उनमें हार्ट अटैक का खतरा 20% तक ज्यादा होता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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