कैसे बनते हैं जिले के उपखंड का मुख्य नागरिक अधिकारी, क्या होती हैं SDM की जिम्मेदारियां?, जानें
एसडीएम की नियुक्ति यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा (UPSC CSE) और राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा के जरिए होती है. यूपीएससी क्लियर करने के बाद आप IAS अधिकारी बन जाते हैं और एसडीएम के रूप में पोस्टिंग मिलती है.
How to Become SDM: लाखों युवा गवर्नमेंट जॉब के लिए तैयारी करते हैं. कुछ जॉब्स ऐसी होती हैं, जिन्हें बहुत ज्यादा ग्लोरिफाई किया जाता है. देश में उच्च पदों पर आसीन अधिकारियों के लिए समाज में एक अलग ही जगह होती है. ऐसे ही जब भी कभी किसी भी जिले के प्रशासनिक अधिकारियों का जिक्र होता है तो डीएम और एसडीएम जैसे शब्द ही सबसे ज्यादा सुने जाते हैं.
कई बार हमने अपने गांव, शहरों के किसी बड़े आयोजनों में इन्हें शिरकत करते हुए भी देखा है. इन्हें मिलने वाले मान-सम्मान, पद की प्रतिष्ठा और कुछ बेहतर करने की पावर बहुत से युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है, लेकिन इस पद से प्रभावित होने वाले ज्यादातर लोगों को यह जानकारी नहीं है कि एसडीएम की जिम्मेदारियां क्या होती हैं. आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे कि एसडीएम कैसे बनते हैं, उन्हें सैलरी कितनी मिलती है...
जानें किसे कहा जाता है एसडीएम
एसडीएम का फुल फॉर्म सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (Sub Divisional Magistrate ) होता है, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि यह एक सब डिवीजन लेवल का ऑफिसर होता है. जिलों को विभाजित करके उपखंडों का निर्माण किया जाता है, जो देश की सरकारी संरचना पर आधारित होता है.
इन उपखंडों की जिम्मेदारियां उप-मंडल मजिस्ट्रेट यानी एसडीएम के पास होती है. एसडीएम को किसी जिले के उस विशेष उपखंड के मुख्य नागरिक अधिकारी होने का हकदार है. एसडीएम को जिला उपमंडल का कार्यकारी मजिस्ट्रेट भी कहा जाता है.
एसडीएम की जिम्मेदारियां
एक एसडीएम एक विशेष उपखंड में कानून और व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होता है. एसडीएम का काम होता है, एक उपखंड की विभिन्न जिम्मेदारियों की योजना बनाना, समन्वय करना और निर्वहन करना. इस तरह कहा जा सकता है कि एसडीएम वह प्रशासनिक अधिकारी है जो जिला लेवल से नीचे का पूरा काम संभालता है.
परीक्षा के लिए आयु सीमा
कैंडिडेट्स की आयु कम से कम 21 साल होनी चाहिए. परीक्षा में शामिल होने के लिए अधिकतम आयु सीमा 32 साल तक है. हालांकि, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कैटेगरी के कैंडिडेट्स को अधिकतम आयु सीमा में 5 साल तक की छूट मिलती है.
ऐसे बनते हैं एसडीएम
एसडीएम बनने के लिए आपको यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा या राज्य लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा क्वालिफाई करना होता है. अगर कोई आईएएस अधिकारी एसडीएम बनता है तो उसे अपने कैडर में ट्रेनिंग या फिर अपनी पहली पोस्टिंग के दौरान एसडीएम पद पर नियुक्ति दी जाती है. जबकि, राज्य लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा के जरिए एसडीएम बनने के लिए परीक्षा में कैंडिडेट की टॉप रैंक होनी जरूरी है.
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा या राज्य लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा इन दोनों में शामिल होने के लिए कैंडिडेट्स के पास किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन की डिग्री होना चाहिए. फाइनल सिलेक्शन के लिए होने वाली भर्ती प्रक्रिया के तहत तीन राउंड्स क्लियर करने होते हैं. पहले राउंड में प्रारंभिक परीक्षा, दूसरे में मुख्य परीक्षा और इसके बाद इंटरव्यू राउंड होता है. तीनों क्रैक करने के बाद कैंडिडेट्स की रैंक के मुताबिक उन्हें पद दिया जाता है.
ये होते हैं एसडीएम के काम
प्रशासनिक और न्यायिक कार्यों को देखना
क्षेत्रीय विवाद निपटाना और आपदा प्रबंधन करना
राजस्व कार्यों में भूमि रिकॉर्ड का रख-रखाव और राजस्व मामलों को संचालित करना
सीमांकन और अतिक्रमण जैसे मामलों को निपटाना
सार्वजनिक भूमि का संरक्षण और उसका रजिस्ट्रेशन कराना
इतनी मिलती है सैलरी
एसडीएम का वेतनमान 9300-34800 रुपये और ग्रेड पे 5400 रुपये होता है. उन्हें शुरुआती सैलरी 56,100 रुपये महीने मिलती है. इसमें कई भत्ते भी जुड़ते हैं.
ये भी मिलती हैं सुविधाएं
एसडीएम को सरकारी आवास, सुरक्षाकर्मी, घरेलू काम के लिए हेल्पर, सरकारी वाहन, टेलीफोन कनेक्शन, फ्री बिजली, आधिकारिक यात्रा के दौरान आवास की सुविधा, हायर एजुकेशन के लिए अवकाश और रिटायरमेंट के बाद पेंशन जैसी सुविधाएं मिलती हैं.