नई दिल्ली : एफआईपीबी ने इंटरग्लोब एविएशन के एफडीआई प्रस्ताव को आज सशर्त मंजूरी प्रदान की। इससे निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी इंडिगो में नया प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए मार्ग प्रशस्त होगा।


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वित्त सचिव अरविंद मायाराम की अध्यक्षता में हुई विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की बैठक के बाद एक अधिकारी ने कहा, ‘इंडिगो के प्रस्ताव को सशर्त मंजूरी प्रदान की गई है। यह उच्च न्यायालय से मंजूरी मिलने पर लागू होगी।’ इंटरग्लोब एविएशन, इंडिगो की होल्डिंग कंपनी है।


प्रस्ताव के मुताबिक, इंडिगो के प्रवर्तक राकेश गंगवाल की इक्विटी हिस्सेदारी को एनआरआई निवेश के तौर पर वर्गीकृत किया जाएगा। गंगवाल ने केलम इनवेस्टमेंट के जरिए इंटरग्लोब एविएशन में 47.88 प्रतिशत हिस्सेदारी रखी है। बाकी हिस्सेदारी राहुल भाटिया के पास है।


एफडीआई नियमों के मुताबिक, विदेशी कंपनियां और विदेशी एयरलाइंस को एक भारतीय विमानन कंपनी में 49 प्रतिशत तक हिस्सेदारी लेने की अनुमति है। एनआरआई को एक भारतीय एयरलाइन में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी लेने की अनुमति है। वर्तमान में गंगवाल की हिस्सेदारी एफडीआई के तौर पर वर्गीकृत है, भले ही केलम इनवेस्टमेंट में बहुलांश हिस्सेदारी अनिवासी भारतीयों के एक समूह के पास है।