Adani Group: मुश्किलों से उबरने की कोशिश में लगे अडानी समूह ने सोमवार को कहा कि उसने कर्ज बोझ को कम कर निवेशकों का भरोसा दोबारा हासिल करने के लिए पूर्व-भुगतान कार्यक्रम के तहत कुल 2.65 अरब डॉलर मूल्य का कर्ज चुका दिया है. अडानी समूह ने अपने एक क्रेडिट नोट में कहा कि उसने अपनी लिस्टेड कंपनियों के शेयरों को गिरवी रखकर लिए गए 2.15 अरब डॉलर के कर्ज का पूरी तरह समय-पूर्व भुगतान कर दिया है. इसके अलावा उसने अंबुजा सीमेंट के अधिग्रहण के समय लिए गए 70 करोड़ डॉलर के कर्ज को भी चुका दिया है.


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20.3 करोड़ डॉलर ब्याज का किया भुगतान
समूह ने कहा है कि कर्जों का समय-पूर्व भुगतान 20.3 करोड़ डॉलर के ब्याज भुगतान के साथ किया गया है. इसके साथ ही समूह ने कहा कि चार सूचीबद्ध कंपनियों में प्रवर्तकों ने अपनी हिस्सेदारी की बिक्री भी पूरी कर ली है. अग्रणी वैश्विक निवेश फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स को यह हिस्सेदारी 1.87 अरब डॉलर (लगभग 15,446 करोड़ रुपये) में बेची गई है.


हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लगाए गए आरोप
अडानी समूह ने कहा है कि कर्ज भुगतान कार्यक्रम अस्थिर बाजार स्थितियों में भी प्रायोजक स्तर पर मजबूत तरलता प्रबंधन और पूंजी पहुंच की गवाही देता है. गत 24 जनवरी को अमेरिकी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में प्रतिकूल टिप्पणियां किए जाने के बाद से अडानी समूह की कंपनियों को बाजार में भारी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा.


145 अरब डॉलर की दिखी गिरावट
इस दौरान एक समय समूह की दस सूचीबद्ध कंपनियों के सामूहिक बाजार पूंजीकरण में 145 अरब डॉलर तक की गिरावट देखने को मिली. हालांकि, समूह ने शेयरों के भाव में हेराफेरी करने के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि वह नियमों के अनुरूप संचालित होता है. इसके साथ ही उसने निवेशकों का भरोसा दोबारा हासिल करने के लिए अपने कर्जों का समय-पूर्व भुगतान करना भी शुरू कर दिया था.


अडानी ग्रुप के बाद शेयरों में आई बड़ी गिरावट
पिछले कुछ महीने से अडानी ग्रुप के शेयरों में काफी गिरावट देखी गई है. इस बीच अडानी ग्रुप ने अहम ऐलान किया है. दरअसल, कारोबारी गौतम अडानी का समूह अपनी तीन कंपनियों के शेयर संस्थागत निवेशकों को बेचकर तीन अरब डॉलर जुटाने की योजना बना रहा है. अमेरिकी वित्तीय शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में धोखाधड़ी के आरोप के बाद समूह को भारी नुकसान हुआ है.