Insurance Policy: फाइनेंशियल रिस्क को कम करता है बीमा, Insurance कराने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
हमारी लाइफ कब खत्म हो जाए, ये कहां पता होता है. ऐसे में हर किसी को आर्थिक तौर पर इसके लिये तैयार रहना जरूरी है. बीमा आपके परिवार के भविष्य को सुरक्षित करता है. ऐसे में ये बात आपको कभी परेशान नहीं करती कि आपके बाद परिवार का क्या होगा?
Insurance Policy: इंश्योरेंस करवाकर आप अपनी लाइफ में फाइनेंशियल रिस्क को कम कर सकते हैं. आपकी लाइफ में फाइनेंशियल रिस्क कई तरह से हो सकता है, जैसे मृत्यु होने, बीमार पड़ने, दुर्घटना या संपत्ति की क्षति होने से, लेकिन इसके अलावा और भी कई चीजें हैं जो बीमा में कवर होती हैं.
इन चीजों का बीमा करवाकर आप लाइफ में मिलने वाले फाइनेंशियल रिस्क को बहुत कम कर सकते हैं. इतना ही नहीं इंश्योरेंस प्लान आपको कई प्रकार के टैक्स से भी बचाता है. ऐसे में आज हम बात करने जा रहे हैं तरह-तरह के बीमा की, जिनके बारे में आपको जरूर जानना जरूरी है.
कार इंश्योरेंस
कार इंश्योरेंस भी वैसा ही होता है, जैसा कि लाइफ या हेल्थ इंश्योरेंस. हां अपनी कार का बीमा करवाने से पहले अलग-अलग कंपनियों की पॉलिसी को कंपेयर जरूर कर लें. फिर चाहे आपको रिन्युवल करवाना हो या लैप्स हुए बीमा को पुन: नये सिरे से करवाना हो. इसमें एक्सीडेंट इंश्योरेंस कवर लेना भी आपके लिए बेहतर होगा.
टर्म लाइफ इंश्योरेंस
भारत में टर्म लाइफ इंश्योरेंस कम ही लोग लेते हैं, क्योंकि इसमें मनी बैक नहीं होता, लेकिन कवर बहुत ज्यादा होता है. मनी बैक पॉलिसी में जितना प्रीमियम भर कर आप 2 लाख का इंश्योरेंस प्राप्त करते हैं, टर्म इंश्योरेंस में उतने ही प्रीमियम में आपको 25 लाख या उससे ज्यादा का कवर मिलता है. अगर दुर्भाग्यवश आपकी मृत्यु होती है, तो फैमिली को 25 लाख रुपये मिलेंगे. जीवन बीमा करवा पहले एक टर्म इंश्योरेंस जरूर करवाएं.
मनी बैक इंश्योरेंस
फिक्स्ड डिपॉजिट की जगह मनी बैक इंश्योरेंस पॉलिसी में पैसा लगाना ज्यादा बेहतर माना जाता है. इसमें इंश्योरेंस कवर के साथ पैसा ब्याज के साथ मिलता है. वहीं, असामयिक मृत्यु हो जाती है, तो परिवार को ब्याज के साथ मूल रकम और इश्योंरेंस कवर का पैसा भी मिलता है.
चाइल्ड प्लान
शिक्षा पर खर्च बहुत तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में चाइल्ड प्लान आपके लिए बेहद मददगार साबित होता है. इसके तहत मेच्योरिटी पर एक मुश्त बड़ी धनराशि मिलती है और अगर पॉलिसी होल्डर की मृत्यु हो जाती है, तब भी उसका लाभ बच्चे को मिलता है. मेच्योरिटी पर मिलने वाला पैसा इनकम टैक्स के सेक्शन 10 डी के तहत टैक्स फ्री रहता है.
क्रिटिकल इलनेस प्लान
अचानक अगर कोई गंभीर बीमारी लग जाती है, तो उसके इलाज में पानी की तरह पैसा लगता है और देखते ही देखते बैंक अकाउंट खाली जो जाते हैं. ऐसे में एक ऐसा हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी हो जाता, जो गंभीर बीमारी में आपको आर्थिक रूप से कमजोर न होने दें. इसे आप हेल्थ इंश्योरेंस के साथ भी ले सकते हैं, बस प्रीमियम में थोड़ा फर्क होगा.
यात्रा बीमा
यात्रा करते वक्त अगर मृत्यु हो गई, तो फैमिली को पैसा मिलता है. यात्रा बीमा में और भी कई चीजें कवर होती हैं, जैसे पासपोर्ट खोना, मेडिकल इमरजेंसी, सामान खोना आदि. यह उन लोगों के लिए बहुत जरूरी है, जो काम से अक्सर ट्रैवल करते हैं. टर्म पॉलिसी लेते समय भी आप यात्रा बीमा का ऑप्शन चुन सकते हैं.