Government Bonds: अपनी कमाई का जितना ज्यादा हिस्सा निवेश किया जाए, उतना ही कम है. लोग अपनी बचत को किसी बेहतर माध्यम में निवेश कर उस पर रिटर्न हासिल करने की कामना करते हैं. हालांकि बाजार में फिलहाल निवेश के इतने माध्यम मौजूद हैं कि लोग कंफ्यूज भी हो जाते हैं कि आखिर कहां निवेश किया जाए. वहीं कुछ लोग कम जोखिम या बिना जोखिम के माध्यम भी तलाशते हैं. ऐसे में आज हम आपको बॉन्ड्स (Bonds) में इंवेस्ट (Invest) करने के बारे में बताने वाले हैं.


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Investment in Bonds


बता दें कि निवेशकों के पास निवेश करने के लिए Bonds का एक ऑप्शन मौजूद है. जोखिम उठाने की क्षमता को ध्यान में रखकर निवेश का विकल्प चुना जा सकता है और फिर खुद के लिए बेहतर Bond का विकल्प भी चुना जा सकता है. बाजार में वर्तमान में कई प्रकार के बॉन्ड्स मौजूद है. दरअसल, बॉन्ड डेट इंस्ट्रूमेंट्स हैं जहां निवेशक अपना पैसा बॉन्ड जारी करने वालों को उधार देते हैं जो इसे आगे निवेश करते हैं. 


जोखिम कम


बॉन्ड जारीकर्ता नियमित अंतराल पर आकर्षक ब्याज के साथ बांड अवधि के अंत में शानदार रिटर्न का वादा करता है. बॉन्ड कम जोखिम वाले निवेश की श्रेणी में आते हैं और किसी भी सार्वजनिक कंपनी, एक बैंक या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी, या यहां तक कि सरकार (केंद्र या राज्य) के जरिए भी जारी किए जा सकते हैं. जब निवेशक अपने निवेश पोर्टफोलियो में विविधता लाना चाहते हैं, तो बांड को नियमित और स्थिर आय के लिए जोड़ा जा सकता है क्योंकि अन्य निवेश साधनों की तुलना में इससे जुड़े जोखिम कम होते हैं.


बॉन्ड्स के प्रकार


- Zero-Coupon Bond
- Government Bonds
- Corporate Bond
- Convertible Bond
- Inflation-Linked Bonds
- Sovereign Gold Bonds
- RBI Bonds


रिटर्न का रखें ध्यान


बता दें कि ऊपर बताए गए बॉन्ड्स की खासियत अलग-अलग है. अपनी जरूरत और रिटर्न को ध्यान में रखकर अपने लिए बेहतर बॉन्ड को चुना जा सकता है. वहीं बॉन्ड एक कम रिस्क वाला निवेश का विकल्प है, जो कि नियमित अंतराल में फिक्स्ड इंटरेस्ट मुहैया करवाता है.


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